बिहार में बालू खनन-बिक्री की नयी नीति पर सदन में राजद और जदयू के विधायक आमने-सामने
पटना, (हि.स.)। बिहार विधानसभा में मंगलवार को बालू के खनन और बिक्री को लेकर जदयू-भाजपा सरकार की नयी नीति और नये नियम को लेकर सत्तारुढ़ जदयू विधायक वीरेन्द्र कुमार सिंह और राजद विधायक भाई वीरेन्द्र आपस में भिड़ गये। एक-दूसरे के बीच कहा-सुनी, गाली—गलौज के साथ हाथापाई की नौबत आ गयी। अन्य सदस्यों ने बीच-बचाव के बाद स्थिति संभली। इसकी शिकायत विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी तक पहुंची। दोनों पक्ष को समझा बुझाकर मामले को शांत किया गया।
विधानसभा में मंगलवार को भाजपा के सचिन्द्र प्रसाद सिंह सहित 20 सदस्यों ने प्रदेश में बालू एवं गिट्टी की आपूर्ति बाधित होने से सरकारी और गैर सरकारी निर्माण कार्य प्रभावित होने, निर्माण कार्य से जुड़े लाखों मजदूरों को भुखमरी का सामना करने को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव देकर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी।
खान एवं भूतत्व मंत्री विनोद कुमार सिंह का जबाव पूरा होने के बाद जदयू के वीरेन्द्र कुमार सिंह ने बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बनी सरकार की नयी नीति और नियम का समर्थन करते हुए इसे कठोरता से लागू करने की मांग की। इसके बाद सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए स्थगित हो गयी। इसके पहले खान मंत्री ने कहा बालू खनन से सरकारी खजाने में मुश्किल से 100 करोड़ रुपये आ रहा है जबकि बालू माफिया की 10 हजार करोड़ रुपये की कमाई हो रही है।
सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के सदन से बाहर जाने के बाद दोनों विधायक आपस में भिड़ गये। कहा-सुनी और तनातनी के बीच वीरेन्द्र कुमार सिंह अपनी सीट से भाई वीरेन्द्र के समीप पहुंच गये। हाथापाई की नौबत आ गयी । तब तक सदन से अधिसंख्य सदस्य बाहर निकल चुके थे। दोनों ने एक—दूसरे के खिलाफ गाली—गलौज करने का आरोप और पलटवार किया। भाई वीरेन्द्र ने कहा कि उन्होंने शालीनता दिखायी नहीं तो वे वीरेन्द्र कुमार सिंह से ताकतवर होने के कारण उन्हें पटक सकते थे। इसको लेकर भोजनावकाश के बाद सदन में हंगामा का आसार बढ़ गया था । विधानसभाध्यक्ष के पास जब शिकायत पहुंची तो उन्होंने स्थिति संभाल ली। वीरेन्द्र कुमार सिंह औरंगाबाद से पहले लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं।
खान मंत्री ने कहा कि सरकार ने बालू खनन और बिक्री से संबंधित नियम 1 दिसम्बर से लागू करने जा रही है। बुधवार को राज्यभर के बालू की खुदरा बिक्रेताओं की बैठक बुलायी है। बालू आम लोगों को सस्ती दरों पर सुलभ कराने का सरकार का इरादा है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा नयी नियमावली पर रोक लगा दी गयी है। पर सरकार के स्तर पर इसके रोक के बिन्दुओं की समीक्षा बाकी है।