ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
बिहार
विभाग का कमाल: अभी भी कई घरों में शौचालय नहीं, फिर भी कर दिया मीरपुर पंचायत को ओडीएफ घोषित
By Deshwani | Publish Date: 27/11/2017 7:07:41 PM
विभाग का कमाल: अभी भी कई घरों में शौचालय नहीं, फिर भी कर दिया मीरपुर पंचायत को ओडीएफ घोषित

-बगैर निर्माण कार्य पूरा किए 1.56 करोड़ का उठाव

चिरैया। अर्चना रंजन


राज्य सरकार जहां एक ओर शौचालय निर्माण के लिए पूरी तरह तत्पर है, इसके लिए जिला से लेकर प्रखंड तक के पदाधिकारियों को घर-घर में शौचालय निर्माण का जिम्मा सौंपा है। वहीं प्रखण्डाधीन पदाधिकारी अपना कोरम को किसी तरह पूरा कर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। जिसका नतीजा यह है कि शौचालय का निर्माण कार्य पूरा हुए बिना ही प्रखंड की पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया जा रहा है। इस कड़ी में एक बार फिर प्रखंड की मीरपुर पंचायत में पूर्ण रूप से शौचालय निर्माण हुए बिना हीं इस पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। पंचायत के 10 फीसदी घरों में अभी भी शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है, इस कारण आज भी ग्रामीण महिलाएं व पुरुष खुले में शौच करने को विवश हैं। जिन लोगों के यहां शौचालय का निर्माण हुआ है, वह भी आधा-अधूरा हीं है। स्वच्छता मिशन के कोर्डिनेटर रिजवान आलम द्वारा 13 सौ घरों में शौचालय बनाने का दावा किया गया है, लेकिन महज 8 सौ शौचालय का ही निर्माण होने की बाते बताई जा रही है। इसमें 3 सौ वैसे शौचालय है, जिसमें दो टंकी के बदले मात्र एक हीं टंकी का निर्माण कराया गया है। वहीं 2 सौ वैसी टंकियां है, जो अब भी ढक्कन विहीन है। उन टंकी पर अभी ढक्कन नदारद है। जबकि 2 सौ से अधिक शौचालयों में दरवाजा नहीं लगाया गया है। फिर भी संपूर्ण राशि की निकासी कर पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। आधे-अधूरे निर्माण के कारण दलित बस्तियों में इन शौचालयों का उपयोग जलावन रखने के रूप में किया जा रहा है। वहीं बहुतेरे शौचालय बेकार पड़े हुए हैं। एक तरफ जिले को शौचमुक्त बनाने के लिए डीएम रमण कुमार दिन-रात लगे हुए हैं। वहीं खुले में शौच करने वाले को फूल भेंट कर शौचालय बनवाने की प्रेरणा दे रहे हैं। एक करोड़ 56 लाख रुपये खर्च होने के बाद भी ओडीएफ घोषित मीरपुर पंचायत के लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। इस बाबत बीडीओ सीमा कुमारी ने कहा कि उक्त पंचायत मेरे आने के पूर्व ही ओडीएफ घोषित हो चुका है, फिर भी मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS