नई दिल्ली, (हि.स.)।
राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार दिवस का आयोजन किया गया । राज्य सरकार के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने बिहार मंडप का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिहार में लगभग 74 प्रतिशत लोगों की आजीविका कृषि-कार्य पर निर्भर है । कृषि के बाद उद्योग ऐसा दूसरा क्षेत्र है, जिसके माध्यम से राज्य में बेरोजगारी की समस्या का हल और तेजी से आर्थिक विकास संभव है । इसलिए हमने उद्योगों की स्थापना हेतु प्रत्येक स्तर पर निवेशकों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान की हैं। राज्य का हर युवा उद्यमी बने, सरकार का यह प्रयास है ।
रविवार को बिहार मंडप के उद्घाटन अवसर पर मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि राज्य की कुल जनसंख्या का एक अच्छा खासा हिस्सा युवाओं का है । बिहार में प्रचुर संसाधन है और यहाँ के युवाओं में वह प्रतिभा है, जो किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सके। इसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने बिहार स्टार्ट-अप नीति-2017 को मंजूरी दी है। यह नीति राज्य के समावेशी विकास के लिए अनुकूल स्टार्ट-अप परिस्थिति तैयार करेगी, जिससे युवाओं का सबसे पसंदीदा गंतव्य के रूप में बिहार उभरेगा, जहाँ सभी संभावित क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के ढा़ँचे का विकास होगा। युवा उद्यमियों के प्रारंभिक कार्य-कलाप पर होने वाले व्यय, शोध, कौशल प्रशिक्षण विपणन सहायता के रूप में प्रत्येक स्टार्ट-अप को दस लाख रुपये तक का बीज अनुदान प्रदान किया जायेगा। स्टार्ट-अप के तहत निरीक्षण हेतु पाँच वर्षों के लिए छूट दी गई है।
सिंह ने बताया कि स्टार्ट-अप के लिए राज्य सरकार के औद्योगिक पार्क, एसएमई कलस्टर एवं हब में दस प्रतिशत स्थान आवंटित किया जायेगा। इस नीति के तहत स्टार्ट-अप को तीन वर्षों के लिए मुफ्त में चैंबर उपलब्ध कराया जायेगा। इसके साथ ही स्टार्ट-अप को राज्य सरकार के विभिन्न अधिनियमों के तहत लाइसेंसस निबंधन की 5 वर्षों की छूट दी जाएगी।
उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार में औद्योगिक निवेश हेतु अनुकूल वातावरण बना है। आधारभूत संरचना जैसे सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित सभी आवश्यक क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ है। उद्यमियों में सुरक्षा की भावना पैदा की है।
उल्लेखनीय है कि प्रगति मैदान के बिहार पेविलियन में 18 स्टॉल लगे हुए है जिसमें आठ स्टॉल बिहार स्टार्ट-अप के हैं तथा आठ स्टॉल राज्य सरकार के के हैण्डीक्राफ्ट एवं हैण्डलूम के लगे हुए हैं । पेविलियन में सिक्कीग्रास, मूर्तिकला का जीवंत प्रदर्शन किया जा रहा है। राज्य में हैण्डीक्राफ्ट को बढ़ावा देने हेतु उपेन्द्र महारथी संस्थान इसमें अग्रसर है। नयी-नयी तकनीक आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम किये जा रहे है। शिल्पियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।