कांग्रेस-राजद और उनके सहयोगियों को पिछड़ा-अतिपिछड़ा विरोधी रवैया छोड़ने की राजीव रंजन ने दी सलाह
पटना ( हि स )- पिछड़ा-अतिपिछड़ा आयोग के गठन को लेकर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कांग्रेस-राजद तथा उनके सहयोगियों पर पिछड़ा-अतिपिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाते हुए उन्हें अपने इस रवैया को छोड़ने की सलाह दी 1
संवाददाताओं के साथ बात चीत करते हुए राजीव रंजन ने शनिवार को यहाँ कहा कि खुद को पिछड़े और अतिपिछड़ों का मसीहा बताने का दावा करने वाले कांग्रेस-राजद तथा उनके सहयोगी हकीकत में उनके सबसे बड़े दुश्मन हैं 1 उन्होने कहा कि अपने इसी रवैये के कारण ये दल पिछड़ा-अतिपिछड़ा आयोग के गठन में अड़ंगा डालने में सबसे आगे रहते हैं 1 उन्होंने कहा कि आज से नही बल्कि पिछले 65 वर्षों से पिछड़ा तथा अतिपिछड़ा समुदाय के लोगों की यह मांग रही है कि अनुसूचित जाती जनजाति आयोग की तर्ज पर पिछड़ा-अतिपिछड़ा आयोग का भी गठन हो, जिससे वह भी अनुसूचित जाती जनजाति समुदाय के लोगों की तरह समुचित लाभ ले कर देश के विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें 1
भाजपा नेता ने कहा कि पिछड़ा-अतिपिछड़ा आयोग में हर साल लगभग 50 से 55 हजार शिकायतें आती हैं, लेकिन संवैधानिक दर्जा प्र्राप्त न होने के कारण इनमे से किसी भी शिकायत का निपटारा भी नहीं हो पाता जिसके कारण इस समाज के लोग मायूस हो लौट जाते हैं 1 उन्होने कहा कि राज्यसभा में अपने बहुमत का बेजा इस्तेमाल कर कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने इस इतने महत्वपूर्ण विषय को आज तक लटकाए रखा है और आज जब भाजपा पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज के लोगों को उनका हक दिलाने की मुहीम में जुटी है तो हमेशा की तरह यह दोनों दल और उनके सहयोगी कोई न कोई तकनीकी अडचन निकाल इससे संबंघित बिल को संसद में पास नही होने दे रहे हैं 1
उन्होंने कहा कि यह दोनों दल और इनके सहयोगी को बताना चाहिए कि पिछड़ा-अतिपिछडा समाज के लोगों के आगे बढ़ने से उन्हें क्या और क्यों तकलीफ है? भाजपा नेता ने जानना चाहा कि कि अगर पिछड़ा-अतिपिछडा समाज के युवाओं को रोजगार मिले, न्याय मिले उनका और अधिक विकास हो तो इससे इन दलों को किस तरह का नुकसान होगा?
राजीव रंजन ने आरोप लगाया कि हकीकत में यह दोनों दल पिछड़ा-अतिपिछडा समाज का भला नही चाहते और इन्हें महज वोटबैंक समझते हैं 1 उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों को समझ लेना चाहिए कि अब इस अतिमहत्वपूर्ण मुद्दे को यह और नही लटका सकते 1 उन्होंने कहा कि भाजपा पूरी तरह पिछड़ा-अतिपिछडा समाज के साथ है और उन्हें उनका हक दिलवाने कि हर सम्भव कोशिश करेगी 1
भाजपा प्रवक्ता ने इन दोनों दलों के कथनी और करनी पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि कांग्रेस-राजद पिछड़ा-अतिपिछडा के समाज के लोगों को कमज़ोर समझने की भूल कर रहे हैं 1 उन्होंने जानना चाहा कि चुनावों के समय इनसे बड़े-बड़े वादे करने वाले यह दोनों दल इतने महत्वपूर्ण इस मुद्दे पर क्यों विरोध कर रहे है ?
उन्होंने कहा कि यह दोनों दल पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज के लोगों को आगे बढ़ते नही देखना चाहते हैं1 कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों को देश के पिछड़े/अतिपिछड़ों को बताना चाहिए कि उनकी कथनी और करनी में इतना अंतर क्यों है?
उन्होंने कहा यह सर्वविदित है कि अगर पिछड़ा/अतिपिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा मिल जाएगा तो इस समुदाय के लोगों को नौकरी में सुविधाएं प्राप्त करने में आसानी हो जाएगी, इसके बावजूद कांग्रेस-राजद और उनके सहयोगियों की इस मुद्दे पर संवेदनहीनता जनता की समझ से पड़े हैं 1 इस मुद्दे पर इनके नकरात्मक रुख के बावजूद भाजपा पिछड़ा/अतिपिछड़ा आयोग को संवैधानिकता प्रदान करवाने के लिए प्रतिबद्ध है 1 उन्होंने कांग्रेस और राजद से आगामी 15 दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज के हित को ध्यान में रखते हुए इस बिल को पास करने में केंद्र सरकार की मदद करने का आग्रह किया 1