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खुले में शौच करने वालों पर शिक्षकों द्वारा निगरानी का आदेश अन्यायपूर्ण – लालू
By Deshwani | Publish Date: 22/11/2017 5:36:08 PM
खुले में शौच करने वालों पर शिक्षकों द्वारा निगरानी का आदेश अन्यायपूर्ण – लालू

 पटना ( हि स ) - राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों को खुले में शौच करने वालों पर निगरानी रखने के सरकार के कथित आदेश की आलोचना करते हुए राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि ऐसे आदेशों के अनुपालन में उनकी जान को भी खतरा है 1 

 

संवाददाताओं के साथ अनौपचारिक बात चीत में लालू यादव ने बुधवार को यहाँ कहा कि सरकार शिक्षकों के प्रति असंवेदनशील है और खुले में शौच करने वालों की शिक्षकों द्वारा निगरानी करने का फैसला अन्‍यायपूर्ण है। शिक्षा विभाग और शिक्षक दोनों के लिए इस कथित आदेश को शर्मनाक बताते हुए उन्होंने कहा कि इस काम में उनकी जान भी जा सकती है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का काम पढ़ाना है, न कि खुले में शौच करने वालों की निगरानी करना। राजद नेता ने कहा कि खुले में शौच नहीं करने के लिये लोगों के बीच जागरूकता फ़ैलाने के काम में शिक्षकों को लगाना चाहिए न कि उनपर निगरानी रखने के लिए 1 

 

सरकार के इस कथित आदेश कि आलोचना करते हुए जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और मधेपुरा के सांसद पप्‍पू यादव ने कहा कि शिक्षकों को पढ़ाने के अलावा किसी भी अन्‍य काम पर नहीं लगाना शिक्षा के साथ अन्याय है 1 

 

उल्लेखनीय है कि औरंगाबाद और मुजफ्फरपुर में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने हाल ही में एक आदेश जारी कर कथित तौर पर शिक्षकों को खुले में शौच की निगरानी का काम सौंपा है। इस कथित आदेश के अनुसार शिक्षकों को सुबह छह से सात और शाम पांच से छह बजे के बीच खुले में शौच करने वालों पर निगरानी रखनी है और उनकी तस्वीर भी खींचनी है 1 

 

इस बीच शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि स्वच्छता को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चल रहा है और शिक्षकों को स्वच्छता में भी सरकार का सहयोग करना चाहिए 1 

 

सरकार के इस कथित आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिख कहा कि शैक्षणिक दायित्वों और अन्य कार्यों के साथ ही लोटा की निगरानी शिक्षकों को सौंपना उनका अपमान नहीं बल्कि राष्ट्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है। 

 

संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने शरकार से इस कथित आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेने कि मांग की 1 

 

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