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बिहार
कमिश्नर ने लगायी रोक, डीएम ने दिया कार्य का आदेश
By Deshwani | Publish Date: 22/11/2017 3:31:14 PM
कमिश्नर ने लगायी रोक, डीएम ने दिया कार्य का आदेश

छपरा, (हिस )। स्वास्थ्य विभाग में आउट सोर्सिंग एजेंसियों के चयन में अनियमितता व इसके दोषी डीपीएम के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश प्रमंडलीय आयुक्त ने दिया था, बावजूद इसके उन्ही आउट सोर्शिंग एजेंसियों को कार्य का आदेश दे दिया गया है । 

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यहाँ बताया कि इस मामले में डीपीएम के खिलाफ कार्रवाई होनी थी लेकिन डीपीएम के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी और गलत तरीके से नियमों के खिलाफ कार्य का आदेश दे दिया गया । 

सूत्रों ने बताया कि इस वर्ष 31 अगस्त को प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल ने पटना हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में आउट सोर्शिंग एजेंसियों के चयन में अनियमितता की शिकायतों की जांच कर एक आदेश पारित करते हुए आउट सोर्शिंग एजेंसियों के चयन में अनियमितता बरतने कि बात खाई थी 1 अपनी रिपोर्ट में उन्होंने कहा था कि चयनित एजेंसी नियमों व शर्तों पर खरा नहीं उतरती हैं । 

सूत्रों ने बताया किआयुक्त ने इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक धीरज कुमार को दोषी ठहराया । आयुक्त ने इस मामले में सक्षम प्राधिकार जिलाधिकारी से गहन जांच करा कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था , लेकिन जिलाधिकारी को भ्रम में रखकर इसकी जांच नहीं करायी गयी और तीन माह बाद आउट सोर्शिंग एजेंसियों को कार्य का आदेश मिल गया । 

क्या है अनियमितता 

आयुक्त ने आदेश में कहा है कि सभी पक्षों को सुनने, अभिलेखों की जांच में अनियमितता परिलक्षित होती है और जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा वर्ष 2016-17 से तीन वर्षों के लिए की गयी निविदा में अनियमितता बरती गई है । छह कार्यों के लिए निविदा की गयी है जिसमें साफ सफाई, कपड़ा धुलाई, जनरेटर सेवा, वार्ड ब्वाय की सेवा, चतुर्थ वर्गीय कर्मी की सेवा, खान पान की सेवा आदि शामिल है । इस कार्य के लिए चयनित एजेंसी नियमों व शर्तों का पालन नहीं करती हैं । चयनित एजेंसी इपीएफ, इएसआइ में निबंधन नहीं है । मजे की बात यह है कि जिलाधिकारी के हस्ताक्षर को काटकर चयनित एजेंसी के बदले दूसरी एजेंसी को कार्य आदेश दे दिया गया है । इतना ही नही जनरेटर सेवा, भोजन आपूर्ति का कार्यादेश जिस एजेंसी को दिया गया है, उस एजेंसी ने इस कार्य के लिए निविदा ही नहीं भरा था । आयुक्त ने आरोप को सही पाते हुए कहा है कि डीपीएम धीरज कुमार ने एजेंसी के चयन में मनमानी, पक्षपात किया है । पूरे प्रकरण में डीपीएम की भूमिका संदिग्ध रही है । 

हाईकोर्टके आदेश पर आयुक्त ने किया था 

जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा आउट सोर्शिंग एजेंसियों के चयन में अनियमितता बरतने के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में दाखिल सीडब्लूजेसी नंबर 5171 /17 में पारित आदेश के आलोक में प्रमंडलीय आयुक्त ने जांच किया । पटना हाईकोर्ट ने 16 मई 2017 को आदेश पारित किया था । आउट सोर्शिंग एजेंसियों के चयन में अनियमितता बरतने के खिलाफ जीतेन्द्र कुमार पांडेय के द्वारा पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल किया गया था ।

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