एलएनडी कॉलेज मोतिहारी के पूर्व प्राचार्य अर्थशास्त्री डॉ रामप्रवेश शर्मा अब नहीं रहे
विनय कुमार परिहार
मोतिहारी।देशवाणी न्यूज नेटवर्क। उत्तर बिहार के जाने-माने अर्थशास्त्री और एलएनडी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ रामप्रवेश शर्मा अब इस दुनिया में नहीं रहे।' क्या विद्यार्थी?' कहकर हर छात्र युवा को बुलाने वाले रामप्रवेश बाबू गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। लंबी बीमारी के बाद बुधवार की रात करीब सवा 9 बजे शहर के छतौनी स्थित निवास पर उन्हाेंने अंतिम सांसें ली। वे 72 वर्ष के थे। वे अपने पीछे अर्द्धांगिनी श्रीमती आशा देवी को छोड़ गये। उनके चाहने वाले सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में गुरुवार को मुजफ्फरपुर में गंडक नदी के रेवा घाट पर उन्हें अंतिम विदाई दी गयी।
विशाल हृदय के थे मालिक
विद्वान प्रोफेसर डॉ शर्मा अपनी जिन्दादिली, सादगी व हर आम व खास को अपार स्नेह देने के लिए जाने जाते थे। गैरों को कभी अपने से अलग होने का अहसास तक नहीं होने दिया। लोगों को यह नहीं लगा कि वे उनके अभिभावक नहीं हैं। चम्पारण के प्रतिष्ठित कॉलेज के एक प्रमुख होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी विचारधारा के समर्थक व विरोधी दोनों को कभी निराश होने नहीं दिया। अनुशासन की परिधि में उन्होंने सबको सम्मान दिया और प्रतिष्ठा पाई। एलएनडी के प्रो डॉ भुवनेश्वर सिंह का कहना है कि उनका जाना अपने अभिभावक को खोने की तरह है। कुछ ऐसे ही उद्गार अंग्रेजी अखबार के वरिष्ठ पत्रकार आरएन सिन्हा के भी हैं। श्री सिन्हा ने कहा कि उनका इस दुनिया में नहीं रहना उनकी व्यक्तिगत क्षति है। डाॅ शर्मा उनके सीनियर मित्र व अभिभावक दोनों ही थें। उनके स्नेह व अपनापन को ताउम्र नहीं भूला जा सकता। वहीं पत्रकार संजय पाण्डेय का कहना है कि शहर ने सहज व्यक्तित्व के स्वामी और अर्थशास्त्र के विद्वान को खो दिया है। उनका जीवन अपने आप में एक दर्शन था।
एलएनडी का़ॅलेज के स्थापना काल से ही जुड़ गये थें
डॉ शर्मा ने 1966 में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में एलएनडी काॅलेज की स्थापना के समय ज्वाइन किया था। तब से कॉलेज के छात्रों के बीच वे प्रोफेसर से कहीं ज्यादा गुरुजी के रुप में मशहूर रहें। 1995 से लेकर अवकाश प्राप्त करने तक यानी 2005 तक एलएनडी कॉलेज के प्राचार्य के पद को सुशोभित किया। उनके कार्यकाल में कॉलेज ने अपनी गरिमा की ऊचांइयों को छुआ। कालेज के प्राध्यापकों व कर्मियों का कहना है कि उन्हें अपनी विद्वता व पद का कभी गुमान न रहा।
शिक्षा जगत में शोक की लहर
शोक व्यक्त करनेवालों में एमएस कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. अरुण कुमार, एलएनडी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. नलिन विलोचन, प्रो. रामाश्रय चौधरी, डा. रामएकबाल तिवारी, पुस्तकालयकर्मी त्रिभुवन जी, शिक्षक नागेश्वर सिंह, लोकेश कुमार पाण्डेय आदि शामिल हैं।
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