बिहार
वर्षों की परंपरा आज भी सहेज रखे हैं नवादा गांव
By Deshwani | Publish Date: 18/10/2017 10:54:57 AMदरभंगा, (हि.स.)। बिहार में दरभंगा जिले के बेनीपुर प्रखंड अंतर्गत नवादा गांव में वर्षों से दीपावली के एक दिन पहले ही दीपोत्सव मनाने की अनोखी परंपरा है। दीपावली से एक दिन पहले पूरा गांव दीया जलाकर उत्सव मनाते दिखेगा। पटाखों की आवाज में बच्चे झूमते नजर आएंगे। मुख्य दीपावली से एक दिन पहले ही यहां के लोग घरों को पूरी तरह सजा-संवार लेते हैं।
इस बार भी यहां के लोग 19 अक्टूबर की जगह 18 अक्टूबर को ही दीपावाली मनाने की तैयारी कर रहे हैं। गांव के प्रसिद्ध भगवती मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है तथा बिजली की विशेष व्यवस्था की जा रही है। इस दिन पूरे गांव के लोग नाना प्रकार के व्यंजन तैयार करेंगे और फिर शाम को भगवती को अर्पित करेंगे। इसका तात्पर्य यह कतई नहीं है कि ये दीपावली से संबद्ध सभी आयोजन एक दिन पहले ही कर लेते हैं। मुख्य दीपावाली के दिन ये लोग लक्ष्मी पूजन तो करते हैं पर दीप नहीं जलाते। ग्रामीणों की मानें तो यह जमींदारों का गांव रहा है जिनके संबंध दरभंगा के राजघराने से अच्छे थे। लिहाजन दोनों पक्ष के लोगों का न केवल एक-दूसरे के यहां आना-जाना होता था, वरन त्योहार सहित अन्य धार्मिक व पारिवारिक कार्यक्रमों में भी भाग लेते थे। राजपरिवार में एक दिन पूर्व दीपावाली मनाने की परंपरा थी, इसलिए यहां के ग्रामीणों ने भी एक दिन पहले ही इस पर्व को मनाना प्रारंभ कर दिया, जो परंपरा आज भी बरकरार है। जानकार बताते हैं कि राजपरिवार में एक दिन पहले दीपावली मनाने की पंरपरा इसलिए है क्योंकि उन दिनों राजपरिवार में तत्कालीन ज्योतिषाचार्य हेमांगत ठाकुर द्वारा बनाए गए पंचांग की मान्यता थी, जिसके गणनानुसार दीपावाली एक दिन पहले पड़ती थी।