पटना, (हि.स.)। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम- 2015 के तहत विभिन्न स्तरों पर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारियों द्वारा पारित आदेश के अनुपालन को लेकर सोमवार को पूर्णिया के सभी लोक प्राधिकारों की बैठक की गई।
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मनोज कुमार द्वारा बताया गया कि अधिनियम का मुख्य उद्देश्य परिवादी के परिवाद का निवारण करना है। सभी लोक प्राधिकार को लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा पारित आदेश के अनुरूप निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत परिवादी के परिवाद का निवारण कर अनुपालन प्रतिवेदन संबंधित लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां समर्पित करने का निदेश दिया गया।
किसी भी परिवाद के निवारण हेतु लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा निर्गत किये गए नोटिस पर लोक प्राधिकार के पदाधिकारी निवारण के साथ अथवा परिवाद पर तात्कालिक प्रतिवेदन के साथ सुनवाई में स्वयं उपस्थित होंगे। यदि किसी अपरिहार्य कारण से लोक प्राधिकार स्वयं उपस्थित नहीं हो पाते हो तो वैसी परिस्थिति में अपने किसी अधीनस्थ पदाधिकारी जो परिवाद के विषय वस्तु से भलि-भांति अवगत हों, को सुनवाई में भाग लेने हेतु प्राधिकृत करेंगे।
प्रत्येक शनिवार को अंचल अधिकारी एवं थाना प्रभारी थाना स्तर पर भू-विवाद से संबंधित मामालों की सुनवाई कर जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में प्रतिवेदन जमा करेंगे।
जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय एवं चारों अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय में कुल 7791 परिवाद प्राप्त हुए है जिसमें से 6835 परिवार निष्पादित किये गए हैं । निवारण हेतु 60 दिनों की निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत 714 परिवाद लंबित हैं तथा 60 दिवस की अधिक अवधि के अंतर्गत 144 परिवाद लंबित हैं । अभीतक अधिनियम के प्रावधान के अनुसार विभिन्न लोक प्राधिकार के विरुद्ध सक्षम प्राधिकार द्वारा 80 हजार रूपये का दंड अधिरोपित किया जा चुका है।
बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता सहित जिला स्तरीय एवं प्रखंड/अंचल स्तरीय विभिन्न लोक प्राधिकार के पदाधिकारी उपस्थित थे।