- डीएम ने बैठक कर एमजेसी-सीडब्ल्यूजेसी हाईकोर्ट केसेज, लोकायुक्त/मानवाधिकार संबंधित मामलों की समीक्षा की
मोतिहारी। सचिन कुमार सिंह
विभिन्न एजेंडे को लेकर शनिवार को समाहरणालय स्थित राधाकृष्णन भवन में डीएम रमणकुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें प्रधान सहायकों को प्रशिक्षण सह मूल्यांकन भी हुआ। बैठक में एमजेसी-सीडब्ल्यूजेसी हाईकोर्ट केसेज, लोकायुक्त/मानवाधिकार संबंधित मामलों व डीसी बिल समायोजन की अद्यतन स्थिति आदि पर चर्चा समेत पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों की विस्तृत समीक्षा की गई। डीसी बिल समायोजन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि जिला नजारत, जिला पंचायत योजना कार्यालय, भू-अर्जन कार्यालय, जिला कृषि कार्यालय, सीएस कार्यालय, मधुबन, सुगौली व पताही प्रखंड के डीसी बिल असमायोजित पाया गया। इसकको लेकर संबंधित कार्यालयों के प्रधान लिपिक व नाजिर से स्पष्टीकरण मांगा गया। वहीं बाढ़ के दौरान संबंधित डीसी बिल को एक माह के भीतर समायोजित करने व अन्य डीसी बिल शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। वहीं एमजेसी संबंधित मामलों की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि रक्सौल, ढाका, चकिया, संग्रामपुर, अंचल कार्यालयों व नगर परिषद रक्सौल, सहकारिता कार्यालय आदि में एमजेसी संबंधित मामले लंबित हैं। इसी तरह राजस्व, स्थापना, एसडीओ सदर, भू अर्जन कार्यालय में सीडब्ल्यूजे संबंधित मामले लंबित हैं। निर्देश दिया गया कि सभी मामलों का अविलंब निष्पादन किया जाए। इसी प्रकार लोकायुक्त/हाईकोर्ट केसेज से संबंधित लंबित नौ मामलों को एक सप्ताह के अंदर निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। वहीं वित्त विभाग से प्राप्त निर्देश के आलोक में कार्यालयों से संबंिधत बैंक खातों की विवरणी एक सप्ताह के भीतर मांगी गई। ऐसा नहीं करने पर संबंधित कार्यालय प्रधानों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। बैठक में सेवांत लाभ, विभागीय कार्यवाही, अनुकंपा संबंधित मामलों, अंकेक्षण व सभी क्रियान्वित योजनाओं से संबंधित उपयोगिता प्रमाण पत्र ससमय निष्पादिक करने का निर्देश दिया गया। वहीं अप्रैल 2018 तक जिले को खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य रखा गया है। बैठक से अनुपस्थत होने के कारण प्रधान सहायक नजारत, आपदा प्रबंधन, कृषि, पशुपालन, भविष्य निधि आदि से स्पष्टीकरण मांगा गया।