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बिहार
बीडीओ-बीईओ समेत आठ के खिलाफ जालसाजी की प्राथमिकी दर्ज, शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा उजागर
By Deshwani | Publish Date: 14/10/2017 5:22:10 PM
बीडीओ-बीईओ समेत आठ के खिलाफ जालसाजी की प्राथमिकी दर्ज, शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा उजागर

छपरा,  (हि.स.) । शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा करना अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों को महंगा पड़ा । निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में फर्जी ढंग से बहाली का मामला उजागर हुआ है और निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक के निर्देश पर चार फर्जी शिक्षकों समेत आठ के खिलाफ मांझी थाना में जालसाजी की नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है । निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक के निर्देश के आलोक में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डा द्विजेन्द्र राय के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जिसमें फर्जी ढंग से बहाल चार शिक्षक, शिक्षिका के अलावा तत्कालीन प्रखंड प्रमुख,तत्कालीन बीडीओ तथा तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और एक शिक्षक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है| सभी शिक्षक तथा शिक्षिका का नियोजन उत्क्रमित मध्य विद्यालय कौरु-धौरु में किया गया है | निगरानी जांच में नियोजन वर्ष 2012 के नियोजन अभिलेख तथा मेधा सूची में नाम अंकित नहीं होने तथा बिना टीईटी उतीर्ण जाली प्रमाण पत्र के आधार पर फर्जी नियुक्ति करने का साक्ष्य पाया गया है । निगरानी के आदेश के आलोक में मांझी के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डॉ द्विजेंद्र राय द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में रत्नेश कुमार सिंह , नितेश कुमार सिंह दोनो पिता पुरुषोत्तम सिंह,रजनी कुमार सिंह पिता विजेन्द्र कुमार सिंह,सुनीता उपाध्याय ,पुरुषोतम सिंह पिता स्वर्गीय कुमार श्याम बिहारी सिंह , तत्कालीन बीईओ नेयाज अहमद , तत्कालीन प्रमुख अख्तरी बेगम तथा तत्कालीन बीडीओ कमल किशोर सिंह शामिल हैं | 

वर्ष 2012 में का हैं मामला

निगरानी ने अपने जांच में पाया हैं कि नियोजन वर्ष 2012 के नियोजन में प्रखण्ड के नियोजन इकाई तथा प्रखंड के तत्कालीन बीईओ नेयाज अहमद की मिलीभगत से व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए उत्क्रमित मध्य विद्यालय कौरु-धौरु में किया गया है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा प्रखंड प्रमुख पर आरोप है कि जांच कार्य में निगरानी की टीम को सहयोग नहीं किया गया है और नियोजन से संबंधित फाइल फोल्डर उपलब्ध नहीं कराया गया । 

पुत्र को योगदान कराने में फंसे पिता

उत्क्रमित मध्य विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाध्यापक पुरुषोत्तम सिंह ने अपने दोनों पुत्रों समेत चारों शिक्षकों का योगदान करा दिया.चारों फर्जी शिक्षकों के योगदान करा कर पिता भी जांच में दोषी पाए गए है. इस फर्जी बहाली की प्रक्रिया में पुरूषोतम सिंह की भी मिलीभगत रही है और जांच कार्य को प्रभावित करने की नीयत से फर्जी शिक्षकों का गलत ढंग से दूसरे विद्यालयों में सामजंन किया गया है । 

नियोजन के बाद सामंजन दूसरे स्कूल में कर दिया गया

जांच में पाया गया हैं फर्जी शिक्षकों का साक्ष्य छुपाने एवं विभाग को गुमराह करने के उद्देश्य से दूसरे स्कूल में सामंजन कर दिया गया .रत्नेश कुमार सिंह को उत्क्रमित मध्य विद्यालय भभौली,नितेश कुमार सिंह को उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय सोनवर्षा तथा रजनी कुमारी को उत्क्रमित मध्य विद्यालय रनपट्टी में कर दिया गया हैं .

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