बिहार
शिक्षा सुधार महासम्मेलन के बहाने राजनीतिक ताकत दिखाएंगे उपेन्द्र कुशवाहा
By Deshwani | Publish Date: 11/10/2017 7:36:43 PMपटना, (हि.स.)। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री एवं रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा 15 अक्टूबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में शिक्षा सुधार महासम्मेलन के बहाने अपनी राजनीतिक ताकत दिखाएंगे। प्रदेश में विशेष रूप से स्वजातीय मतदाताओं को गोलबंद कर खुद को भावी मुख्ममंत्री के रूप में पेश कर राजनीतिक अभियान चला रहे उपेन्द्र कुशवाहा के लिए यह महा सम्मेलन महत्वपूर्ण है। पांच लाख लोगों की भीड़ जुटाने के लिए वे सात अक्टूबर से पटना के आस-पास के 13 जिलों में रोड शो कर रहे हैं। इसके पहले जिला स्तर पर शिक्षा सुधार सम्मेलन का आयोजन किया है।
बिहार में सत्ता के उलटफेर में नीतीश कुमार के राजग में शामिल होने से भाजपा के दूसरे सहयोगी दल लोजपा, रालोसपा और हम दबाव में माने जा रहे हैं। लोकसभा के चुनाव के साथ विधानसभा के चुनाव में जदयू की ओर से अधिक सीटों की दावेदारी और पुराने सहयोगी दलों के कोटे की सीटों में कटौती तय मानी जा रही है।
रालोसपा का राजनीतिक अभियान मुख्य रूप से नीतीश कुमार को निशाने पर रखकर चलता रहा है। चर्चा रही है कि लोकसभा चुनाव नजदीक होने पर वह राजग से अलग होकर राजद के साथ हो सकते हैं। उपेन्द्र कुशवाहा इस चर्चा को सिरे से खारिज करते हैं। रालोसपा में अंदरूनी विवाद भी अलग समस्या है। तीन सांसदों और दो विधायक वाली पार्टी के एक सांसद अरुण कुमार और विधायक ललन पासवान समानांतर पार्टी चला रहे हैं। अगले चुनाव तक अरुण कुमार के भाजपा में शामिल होने की चर्चा है।
इधर उपेन्द्र कुशवाहा बिहार में शिक्षा की बदहाली पर लगातार हमला बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षकों के दो लाख पद खाली हैं, बिना प्रयोगशाला इंटर तक विज्ञान विषयों की पढ़ाई और परीक्षा हो रही है। राज्य सरकार नए केन्द्रीय और नवोदय विद्यालय के लिए भूखंड सुलभ कराने में सहयोग नहीं कर रही है।