जद ( यू ) पर दावा करने के लिए चुनाव आयोग की दौड़ लगाने के बावजूद शरद यादव को होई लाभ नहीं : नीतीश कुमार
पटना ( हि स )। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ने जनता दल ( यू ) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी को अपनी पार्टी साबित करने के लिए तथ्यों और कागज़ी दस्तावेजों के पेश करने का निर्देश दिया है।
अपने लोक संवाद कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं के साथ बात चीत करते हुए नीतीश कुमार ने सोमवार को यहाँ कहा कि जनता दल ( यू ) को अपनी पार्टी साबित करने के लिए शरद यादव ने दो – दो बार चुनाव आयोग की दौड़ लगाई। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की दौड़ लगाने के बावजूद शरद यादव को होई लाभ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने भी शरद यादव को तथ्यों के साथ आने को कहा है।
जद ( यू ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में उन्होंने किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की 1 मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को पार्टी समबन्धित तथ्य उपलब्ध करा दिए हैं और अब जिसे जो साबित करना हो, करें उन्हें कोई एतराज नहीं होगा ।
शरद यादव के साझी विरासत पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार का साथ देकर शरद यादव साझी विरासत सम्भालने की कोशिश कर रहे हैं 1 उन्होंने कहा कि शरद यादव के लिए वंशवाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचार का साथ देना ही साझी विरासत है।
नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि शरद यादव ने समाजवाद के अपने सिद्धांतों को भूलकर अलग राह अपना लिया है और साथ ही दूसरों पर छींटाकशी करनी शुरू कर दी है 1 उन्होंने कहा कि शरद यादव को यदि अपने सिधान्तों की चिंता होती तो वे वंशवाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचारी के साथ नहीं जाते।
नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ( राजद ) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवारवालों की सम्पती और उनके वंशवाद की राजनीति की जानकारी सबों को है 1 उन्होंने कहा कि समाजवाद में परिवारवाद का कोई स्थान नहीं है और ऐसे में यदि शरद यादव को अपने सिधान्तों की तनिकी भी चिंता होती तो वे वंशवाद के साथ नहीं जाते।
शरद यादव पर लोक लाज भूल कर परिवारवाद और भ्रष्टाचार करने वाले का पिछलग्गू बनने का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा सिधांत समाजवादियों का नहीं है। सम्पूर्ण क्रान्ति के प्रणेता जय प्रकाश नारायण , राम मनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर जैसे महान सामाजिक नेता के रास्ते से अलग चलने वाला समाजवादी नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वंशवाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचारियों का साथ देने वालों के साथ वे कदापि नहीं जा सकते 1 नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने सोच-समझकर बिहार की जनता के हित में महागठबंधन तोड़ने का फैसला किया 1 उन्होंने कहा कि उनका यह फैसला सही है या गलत इसका निर्णय जनता करेगी और उचित समय आने पर इसका जवाब भी देगी।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने उन्हें समर्थन और जो सम्मान दिया है उसका वे पूरी तरह निर्वन करते हुए बारह सालों से उनकी सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास की राह में आने वाली कठिनाइयों से जनता भी वाकिफ है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता का हित और बिहार का विकास ही ऐसे मुद्दे हैं जिनपर वे किसी बात की परवाह किये बिना प्राथमिकता के आधार पर सतत काम कर रहे हैं।
इस बीच जद ( यू ) नेता और नीतीश कुमार के करीबी तथा राज्य सभा सांसद आर सी पी ने 8 अक्टूबर को शरद यादव की ओर से बुलाई गई पार्टी की बैठक को अवैधानिक ठहराते हुए कहा कि वर्ष 2016 में पार्टी के केवल 194 राष्ट्रीय परिषद के सदस्य थे ऐसे में शरद यादव का यह दावा कि उनकी बैठक में 500 सदस्यों ने हिस्सा लिया , अपने आप सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि शरद यादव की बैठक में शामिल होने वाले लोग फर्जी थे और जद ( यू ) के नहीं थे।