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बिहार
उद्घाटन के पहले बटेश्वर स्थान नहर ध्वस्त होने का ठिकड़ा एनटीपीसी पर फोड़ा
By Deshwani | Publish Date: 26/9/2017 8:34:58 PM
उद्घाटन के पहले बटेश्वर स्थान नहर ध्वस्त होने का ठिकड़ा एनटीपीसी पर फोड़ा

 पटना, (हि.स.)। अंतत: जैसी उम्मीद थी वही हुआ। बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटन के पहले भागलपुर के कहलगांव में 40 वर्षों में बने बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर के ध्वस्त होने का ठिकड़ा एनटीपीसी पर फोड़ा है। सरकार नहर दुरूस्त करने में होने वाले खर्च की भरपाई एनटीपीसी से करायेगी। जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को कहा कि एनटीपीसी के एक अधिकारी के साथ उस अंडर पास का स्थल निरीक्षण कर विभाग के अधिकारियों ने ब्रिज की जांच की। जांच टीम ने यह पाया गया कि संबंधित अंडरपास के निर्माण को ले जो चार शर्तें थीं उनका उल्लंघन किया गया है। अब जल संसाधन विभाग ही अंडर पास की त्रुटि को ठीक करा रहा है। 

जल संसाधन मंत्री ने यहां जदयू के बागी नेता शरद यादव के आरोप का जवाब देने के लिए प्रेस कांफ्रेंस की । उन्होंने नहर निर्माण से जुड़े दस्तावेजों व नक्शे के साथ कहा कि बटेश्वर स्थान पंप कैनाल योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे नेता को यह तथ्य जानना चाहिए कि 1990 से लेकर 1992 में नहर का निर्माण हो गया था और 1987 में बना अंडरपास टूटा है। ऐसे में वर्तमान में घोटाला कैसे हो गया? बिना किसी आधार के भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले नेताओं को अपने आप पर संयम रखना चाहिए। एहतियात के तौर पर उद्घाटन के पहले नहर में पानी डलवा कर देख लिया। अगर उद्घाटन के बाद नहर टूट जाता तो क्या होता? लालू प्रसाद का नाम लिए बिना कहा भ्रष्टाचार के महारथी जब भ्रष्टाचार की चर्चा करते हैैं तो बात समझ से परे हो जाती है।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि नवंबर 2015 में जल संसाधन विभाग मंत्री बनने के बाद उनके कार्यकाल में नहर में केवल यांत्रिक व सिविल कार्य में ही राशि खर्च हुई। 2016-17 में असैनिक व यांत्रिक कार्य पर 15.75 करोड़ तथा 2017-18 में दोनों कार्यों पर मात्र 8.36 करोड़ रुपये खर्च हुए जबकि मार्च 2016 तक 389.31 करोड़ की इस योजना पर 297.76 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे। 

सिंह ने बताया कि एनटीपीसी के एक अधिकारी के साथ उस अंडर पास का स्थल निरीक्षण कर विभाग के अधिकारियों ने ध्वस्त होने की जांच की। जांच टीम ने यह पाया गया कि संबंधित अंडरपास के निर्माण को ले जो चार शर्तें थीं उनका उल्लंघन किया गया है। नहर बंद कर देने के बाद भी वहां सीपेज था। जांच रिपोर्ट में सहभागिता के बाद भी एनटीपीसी के अधिकारी ने उक्त रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किया। इसके बाद भागलपुर के जिलाधिकारी ने थर्ड पार्टी जांच करायी। जांच रिपोर्ट आ गयी है। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि विभाग के स्तर पर अंडर पास की त्रुटि को ठीक कराया जा रहा है। इस मद में खर्च होने वाली राशि की वसूली एनटीपीसी से की जाएगी। 

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