पटना ( हि.स )। राष्ट्रीय जनता दल ( राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा केंद्र सरकार को सभी मोर्चों पर फेल बताने संबंधी बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता तथा इस्लामपुर के पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा कि वंशवाद और भ्रष्टाचार को अपना राजनीतिक लक्ष्य मानने वाले लालू यादव को विकास दिख ही नही सकता क्योंकि राजद नेता की निगाह में विकास का मतलब अपने परिवार की संपत्ति बढ़ाना है।
राजिव रंजन ने कहा कि केंद्र सरकार किसी को भी राजनीति में वंशवाद और पने परिवार की सम्पती बढाने नहीं दे रहा इसीलिए लालू यादव को केंद्र सरकार फेल नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता से बाहर जाने के बाद लालू यदाव को सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नही मिल रहा, इसीलिए केवल राजनीति में प्रसांगिक बने रहने के लिए राजद अध्यक्ष एक ही बयान बार बार देते रहते हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र को सभी मोर्चे पर फेल बताने वाले लालू यादव केवल एक बार अपने फेसबुक पोस्ट पर आए जनता की प्रतिक्रियाओं को देख लें तो उन्हें अपने सवाल का जवाब जनता से ही मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता से कट चुके लालू जी सोशल मीडिया पर भी एकतरफ़ा संवाद ही करते हैं और अपने बयानों पर जनता की प्रतिक्रिया देखने की उन्हें फुर्सत ही नही मिलती, इसीलिए जनता का मूड वह अभी भी नही समझ पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लालू यादव अगर सिर्फ एक बार नकारात्मक राजनीति को छोड़ केंद्र की योजनाओं के बारे में जानकारी लें तो उन्हें पता चल जाएगा कि उनके और उनके सहयोगियों के लाख दुष्प्रचार के बावजूद भी देश की जनता क्यों केंद्र के साथ है। लालू यादव को विकास विरोधी बताते हुए राजिव रंजन ने कहा कि अपने पूरे शासनकाल में राजद ने बिहार की जो दुर्गति की थी व् ह किसी से छुपा नही है और यही कारण है कि केंद्र के खिलाफ डाले उनके फेसबुक पोस्टों पर जनता उन्हें खरी-खोटी सुनाते रहती है 1 उन्होंने कहा कि एक समय लालू यादव की छवि पूरे देश में एक मंजे हुए नेता की थी लेकिन वंशवाद के कारण उन्होंने अपनी उस छवि को पूरी तरह धूमिल कर लिया।
उन्होंने कहा कि जनता ने लालू यादव को लंबे समय तक सत्ता में बनाये रखा लेकिन बजाए जनता या बिहार का विकास करने के उन्होंने विकास को खुद तक ही सिमित कर लिया 1 उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जो जनता कभी उन्हें सिर-माथे पर रखती थी, आज उन्हें सत्ता से बाहर कर रखा है, लेकिन फिर भी लालू जी की राजनीति में कोई परिवर्तन नही आ रहा।