पटना। बेनामी संपत्ति मामले में घिरे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सृजन घोटाले को लेकर लगातार अपने विरोधियों पर प्रहार कर रहे हैं। पटना में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सिल्क सिटी भागलपुर को नीतीश ने लूट की नगरी बना दिया। इस बात से भागलपुर की जनता में काफी आक्रोश है। यह घोटाला नीतीश कुमार की जानकारी में हो रहा था, लेकिन उन्होंने उसे नहीं रोका।
अब जब तक नीतीश कुमार और सुशील मोदी पर एफआइआर नहीं हो जाता, हम चुप बैठने वाले नहीं है। भागलपुर में इतनी बड़ी सभा को नीतीश कुमार ने नुक्कड़ नाटक कहा है। हम नीतीश कुमार को चेतावनी दे रहे हैं। हम जनता के प्रतिनिधि हैं। जनता जानना चाहती है पूरे मामले को। पलटू राम को एक-एक बात की जानकारी देनी होगी।
नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को कहा कि सारे मामले की जानकारी पब्लिक डोमेन में दीजिए, तो अब नीतीश कुमार को भी पब्लिक डोमेन में यह जानकारी देनी चाहिए। नीतीश कुमार ने हमारे साथ रहते हुए सुशील मोदी के माध्यम से हमारे परिवार पर हमले करवाते रहे। सुशील मोदी भी कहते थे कि सरकार में बैठे आदमी से हमें यह जानकारी मिली है।
लालू ने आगे कहा कि 10 जुलाई 2017 से सृजन का चेक बैंक से वापस लौटने लगे। 27 जुलाई से चेक बाउंस करने लगा। नीतीश कुमार को इस बात की जानकारी हो गई थी। हम पूछना चाहते हैं कि आखिर उस समय इस बात को क्यों छिपाया गया। नीतीश कुमार सृजन घोटाले में पूरी तरह फंस चुके हैं। एक के बाद एक झूठ बोला। 27 दिनों तक मामले को छिपाये रखा।
लालू ने कहा कि नीतीश हमको मर्यादा का पाठ पढ़ाते हैं। ऐसे बोलते हैं जैसे वे मेरे हेडमास्टर हैं। नीतीश कुमार अपने प्रवक्ताओं से लगातार राजद नेताओं को गाली दिलवाने का काम कर रहे हैं। जब थोड़ा सा भंडाफोड़ हुआ तो रिएक्शन में आ गये। अभी तो और भंडाफोड़ होगा।
सृजन घोटाले में फंस चुके रमैय्या को नीतीश कुमार ने लोकसभा का टिकट दिया। महत्वपूर्ण पद दिया। हम जानना चाहते हैं कि अभी तक नीतीश कुमार और सुशील मोदी पर एफआइआर क्यों नहीं हुआ। नीतीश कुमार सृजन घोटाले के मुख्य आरोपी हैं।
लालू यादव के बाद तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी द्वारा इतना भारी दबाव था कि उनके सामने दो ही रास्ते बच रहे थे। या तो वे जेल जाते या फिर गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ जाये। नीतीश कुमार ने दूसरा रास्ता अपनाया। नीतीश कुमार जिस तरह से नैतिकता की बात करते हैं, वह कतई शोभा नहीं देता है। वह नैतिक भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह हैं।
तेजस्वी ने कहा कि 2006 में तत्कालिन जिलाधिकारी ने सृजन के पैसे को रोककर उसे रिफंड कराने की कोशिश की। हम पूछना चाहते हैं कि आखिर उसके बाद भी पैसा क्यों ट्रांसफर होता रहा। अब तो यह साफ हो गया है कि सुशील मोदी के संबंधी इसमें लाभ कमाते रहे हैं। इसमें शामिल रहे हैं। आखिर क्या बात है कि भाजपा में इतने नेता के रहने के बावजूद नीतीश कुमार सुशील मोदी को ही डिप्टी सीएम क्यों बनाते हैं।
जिस समय सरकार का चेक बाउंस कर रहा था, उस समय नीतीश कुमार लगातार दिल्ली दौरे पर रहे। गठबंधन तोड़ने का जो आरोप मेरे उपर लगाते हैं, वह साफ तौर पर गलत है। जिस समय गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ रातों-रात सरकार बनाये और प्रभारी राज्यपाल दो दिन तक लगातार रूके रहे, उससे साफ पता चलता है कि सब पहले से प्री-प्लान था।
नीतीश कुमार खुद मीठा-मीठा बोलते हैं और अपने तोतों से गाली दिलवाते हैं। सुबह-सुबह फोन पर बात होती है कि आज किस लाइन पर क्या बोलना है। हम सारे मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट जायेंगे। साथ ही बिहार की जनता को पूरी सच्चाई से अवगत करायेंगे।