समानांतर बैठक कर नीतीश का राजग में शामिल होने और शरद का महागठबंधन कायम रखने का निर्णय
पटना, (हि.स.)। जदयू के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग में शामिल होने के निर्णय के ठीक उलट पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद शरद यादव ने शनिवार को यहां समर्थकों के जन अदालत सम्मेलन में महागठबंधन में बने रहने की प्रतिबद्धता दुहराई । नीतीश और शरद की समानांतर बैठकों में एक—दूसरे के खिलाफ हमला बोला गया। मुख्यमंत्री के 1 अणे मार्ग स्थित सरकारी आवास के संवाद कक्ष में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई । वहीं श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में शरद समर्थकों की बैठक हुई।
मुख्यमवं पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से राजग में शामिल होने का निर्णय लिया गया। पिछले दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नीतीश कुमार को पार्टी को राजग में शामिल होने की पेशकश की थी। केन्द्र में सत्तारूढ़ राजग में शामिल होने के साथ निकट भविष्य में केन्द्र में जदयू कोटे से एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का पद मिलने के आसार है। जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार को राजग का राष्ट्रीय संयोजक बनाये जाने की भी संभावना है। चार वर्ष पहले जदयू के भाजपा से अलग होने तक शरद यादव राजग के संयोजक थे।
नीतीश और शरद की समानांतर बैठक को लेकर राजधानी में शनिवार को खास चहलपहल रही। जदयू के बैनर—पोस्टर के साथ नीतीश और शरद के समर्थन में पटना हवाई अडडा से लेकर श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल तक जगह जगह झंडे व पोस्टर लगे थे।
जदयू महासचिव केसी त्यागी ने शरद समर्थकों की बैठक को राजद के सहयोग से आयोजित बैठक करार दिया। उन्होंने कहा है कि पार्टी की लाइन से अलग चल रहे शरद यादव का 27 अगस्त को राजद की पटना में होने वाली रैली में शामिल होना गलत होगा। तब पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करने को बाध्य होगी। हालांकि पार्टी की बैठक में शरद यादव के खिलाफ पार्टी विरोधी आचरण को लेकर कार्रवाई करने की भी मांग हुई।
श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित शरद समर्थकों के सम्मेलन में सांसद अली अनवर, पूर्व मंत्री रमई राम, पूर्व महासचिव अरुण श्रीवास्तव और पूर्व विधान पार्षद विजय कुमार वर्मा खास चेहरा थे। शरद यादव ने सम्मेलन के शुरुआत में ही वक्ताओं को हिदायत दी कि यह सम्मेलन किसी व्यक्ति या संस्था के विशेष के खिलाफ नहीं है। संबोधन में मर्यादा का खास ख्याल रखा जाना चाहिए। सम्मेलन में नीतीश कुमार ही मुख्य निशाने पर रहे। महागठबंधन से अलग होने के नीतीश के कदम को जनादेश का अपमान करार देते हुए कहा कि इसको लेकर आमलोगों में भारी क्षोभ है। शरद ने जोर देकर कहा कि वे जदयू में हैं और महागठबंधन कायम है