पटना, (हि.स.)। पिछले एक सप्ताह से उत्तर बिहार में जारी बाढ़ की स्थिति आज भी भयावह बनी हुई है। उत्तर बिहार के लगभग 17 जिलों के 156 प्रखंड के 1688 पंचायतों में लगभग 1.8 करोड लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। पिछले 24 घंटे में और 9 लोगों की मौत के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार इस विभीषका में अब तक मरने वालों की संख्या 125 हो गयी है।
इसमें सबसे अधिक 42 मौत अररिया जिले में हुई है। वहीं, पूर्णिया के अलग-अलग प्रखंडों में बाढ़ के पानी में डूबने से पांच लोगों की मौत हो गयी। इसके अलावा पूर्वी चंपारण के सिखहरना में बाढ़ के पानी में डूबने से करसहिया गांव के मुन्ना पटेल (55) और छौड़ादानों क्षेत्र के नरकटिया पंचायत में एक बच्चे की मौत हो गयी। हाजीपुर में आपदा प्रबंध की ओर हर जिले में प्रशासन सेना तथा एनडीआर, एसडीआरफ के जवानों की मदद से युद्ध तरह पर राहत कार्य चला रहा है।
केन्द्रीय जल आयोग की सूचना के अनुसार उत्तर बिहार की अधिकांश प्रमुख नदियों का जलस्तर कही कही बढ रहा है, जबकि कुछ स्थानों पर इनके जलस्तर में कमी आयी है। प्रमुख नदियों के सहायक नदियों में भी पानी का दबाव बना हुआ है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से मिल रही सूचना के अनुसार कुछ स्थानों से बाढ़ के पानी की घटने की सूचना है जिसके बाद स्थिति की भयावहता और बाढ हुए नुकसान का अंदाज लगाया जा सकता है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के अंदर बारिश और तेज होने का अनुमान लगाते हुए अलर्ट जारी किया है। विभाग ने पूर्णिया में खास तौर से एलर्ट जारी करते हुए प्रशासन को सर्तक रहने की सलाह दी है।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ से संबंधित समीक्षा बैठक कर मोतिहारी के सुगौली, अररिया के कुरसाकंटा, पलासी, सिकटी, जोकीहाट में फुड पैकेटस की इंटेंसिव एयर ड्रॉपिंग करने का निर्देश राहत कार्य में लगे अधिकारियों को दिया है। उन्होंने रात भर में बहादुरगंज होकर जाने वाले किशनगंज से अररिया सड़क को रिस्टोर करने का निर्देश पथ निर्माण विभाग को दिया। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय से राहत सामग्री रवाना करते हुए आम लोगों से बाढ़ पीड़ितों की मदद करने की अपील भी की।