कटिहार, (हि.स.)। कटिहार जिले में बाढ़ का कहर ग्रामीण क्षेत्रों के साथ अब शहरी क्षेत्रों पर भी मंडराने लगा है । महानंदा नदी का पानी कदवा, डंडखोरा प्रखण्ड में तबाही मचाते हुए बृहस्पतिवार की सुबह कटिहार शहरी क्षेत्र के गांधीनगर स्थित अनुकूलचन्द्र ठाकुर सत्संग मन्दिर तक पहुंच गया। प्रशासन के हवाले से कहा गया है कि अगर इसी तरह पानी का दबाव बना रहा तो जिले के शहरी क्षेत्रों में भी बाढ़ से तबाही पैदा हो सकती है।
महानंदा नदी की जलस्तर को लेकर महानंदा बाढ़ नियंत्रण, अंचल कटिहार के अधीक्षण अभियंता राजेन्द्र मेहता ने बृहस्पतिवार की दोपहर बताया कि पिछले छह घंटे में महानंदा का जलस्तर झौआ में 20 सेंटीमीटर, बहरखाल में 15 सेमी, आजमनगर में 30 सेमी, धबौल में 30 सेमी, कुर्सेल में 21 सेमी, दुर्गापुर में 30 सेमी एवं गोविन्दपुर में 14 सेमी घटा है।
अधीक्षण अभियंता के हवाले से बताया गया है कि गंगानदी ख़तरे की निशान को पार करते हुए रामायणपुर में 26.65 मीटर को पार कर 26.87 मीटर, काढ़ागोला में 28.96 से बढ़कर 30.40 मीटर, ब्रांडीनदी का जलस्तर डूमर में 29.69 मीटर ख़तरे के निशान को पार कर 30.64 मीटर, कारिकोशी नदी 27.13 मीटर को पार करते हुए 28.05 मीटर तथा कोशी नदी कुर्सेला रेलवे ब्रिज के पास 29.50 मीटर के ख़तरे की निशान को पार करते हुए 30.35 मीटर पहुंच गई है।
गंगा, ब्रांडी, कारिकोशी व कोशी नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी को देखते हुए कटिहार जिला पदाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने बुधवार देर रात प्रेस को जारी बयान में जिले के कुर्सेला, बरारी, मनिहारी और अमदाबाद के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि यहां कभी भी बाढ़ की विकट समस्या आ सकती है।
उन्होंने समय रहते नदी किनारे बसे हुए सभी लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी है। बाढ़ के कारण सड़क और रेलमार्ग कई जगह कट जाने के कारण जिला मुख्यालय से डंडखोरा, प्राणपुर, कदवा, आजमनगर, बलरामपुर और बारसोई प्रखण्ड तक आवागमन बाधित हो गया है जिसके कारण जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्य में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।