पूर्णिया, (हि.स.) । जिले के विभिन्न प्रखंडों की कुल 105 पंचायतें हाल में आई बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं, 79 पंचायतों तथा आंशिक रूप से 26 पंचायतों के कुल 591 गांव की लगभग 8.62 लाख आबादी इस बाढ़ से प्रभावित बताई जा रही है। जिले की वर्तमान में कुल आबादी 34400 है।
इन बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए जिले के विभिन्न स्थानों पर 67 सहायता कैंप चलाए जा रहेे हैं। वहीं, शिविरों में लगभग 22, 100 लोेगों ने शरण ले रखा है। विभिन्न स्थलों पर 30 स्वास्थ्य शिविर का संचालन किया जा रहा है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 178 नाव तथा 34 मोटर वोट का परिचालन किया जा रहा है। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम द्वारा मोटर बोट चलाई जा रही है।
पीड़ितों के बीच अब तक 51 हजार सूखा राशन पैकेट का वितरण किया गया है। राशन के रूप में उन्हें प्रत्येक पैकेट 2.5 किग्रा चूड़ा ,1 किग्रा चना, 500 ग्राम चीनी, 500 ग्राम नमक, मोमबत्ती एवं दियासलाई दिए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश के आलोक में पीड़ितों को प्रत्येक पैकेट में अतिरिक्त रूप से 5 किग्रा चावल, 1 किग्रा दाल, 2 किग्रा आलू, नमक एवं हल्दी के साथ 2 पैकेट ओआरएस एवं 20 हेलोजन टैबलेट भी दिया जा रहा है। वहीं, बाढ़ पीड़ितों को पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराने के लिए अब तक 52 सामुदायिक रसोई शुुरू किए जा चुके हैं। जैसे-जैसे जल स्तर कम हो रहा है, सामुदायिक रसोई का संचालन सुनिश्चित करने हेतु तैयारी की जा रही है।
जिला पदाधिकारी ने बायसी अनुमंडल के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों, मध्याह्न भोजन केन्द्रों के अलावा जीविका समूह केन्द्रों एवं थानों में सामुदायिक रसोई चलाने के आदेश दिए हैं। वहीं, सामुदायिक रसोई के माध्यम से अधिक से अधिक पीड़ितों को पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस रसोई में पूड़ी तथा तला हुए खाद्य पदार्थ तैयार नहीं किया जाएगा।
गुरुवार को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी बाढ़ प्रभावित जिलों को आपदा प्रबंधन हेतु आवश्यक दिशा -निर्देश दिया। उन्होंने बाढ़ के पानी के जमाव वाली जगहों पर निकल रहा है, वहां युद्ध स्तर पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जल जमाव वाले स्थानों पर अधिक से अधिक वोट एम्बुलेंस चलाने को भी कहा है।