पटना, (हि.स.)। बिहार के सीमांचल क्षेत्र में विगत पांच दिनों से जारी बाढ़ की स्थिति में कोई कमी नहीं हुई है और बाढ़ के पानी में अब तक 98 लोगों के डूबने की आशंका है तथा कई स्थानों पर दाह संस्कार के लिए भी सूखी जमीन भी नहीं बची है।
गोपालगंज से मिल रही रिपोर्ट में बताया गया है राष्ट्रीय राजमार्ग 57 के आसपास बसे गांव का श्मशान घाट भी पूरी तरह जलमग्न हो गया है और सूखी जमीन के अभाव में लोग अपने परिजनों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर जलाने को मजबूर हैं । इस राजमार्ग पर अपने परिजन का दाह संस्कार कर रहे एक व्यक्ति ने बताया कि प्लान घाट में चार से पांच फीट पानी बह रहा है जिसके कारण गांव के लोग राष्ट्रीय राजमार्ग पर दाह संस्कार कर रहे हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग ने यहां बताया कि उत्तर बिहार के 14 जिलों के 110 प्रखंडों के 1151 पंचायतों में रह रहे 73.45 लाख की आबादी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। राहत कार्य में लगाई गई नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स के जवानों ने बाढ़ के पानी में फंसे 274000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। 504 राहत शिविरों में लाखों लोग शरण लिए हुए हैं।
वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से अभी तक 170 टन राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों तक पहुंचाई गई है।
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण के क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं।
पटना के जिलाधिकारी संजय अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन गंगा नदी पर भी पूरी तरह नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से आधा मीटर नीचे बह रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि अगले एक सप्ताह तक राज्य के दक्षिणी भाग में बारिश होने की संभावना है।