भागलपुर, (हि.स.)। सृजन महाघोटाले की राशि अब बढ़कर 6 सौ करोड़ तक पहुँच गई है। रोज जांच में नए-नए घोटाले सामने आ रहे हैं। ईओयू के जांच दल ने शनिवार को जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग में 40 लाख रुपये के अवैध रूप से सरकारी राशि निकासी का मामले उजागर किया। शनिवार को आर्थिक अपराध शाखा के एसपी राशिद जमाल के नेतृत्व में एक जांच दल जिलाधिकारी आदेश तितरमारे से मिला और इस घोटाले के जांच में सहयोग की अपील की। इसके बाद जांच दल ने समाहरणालय स्थापना शाखा के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की। इस दौरान जांच दल ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी खंगाले। यहाँ से निकलने के बाद जांच दल सीधे सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचा, जहां उन्होंने सिविल सर्जन से पूछताछ की। साथ ही वहां कई दस्तावेजों की भी जांच की। इस दौरान जांच दल को 40 लाख रूपये के अवैध रूप निकासी किए जाने की जानकारी मिली।
वहीं एसएसपी और ईओयू की टीम ने रविवार को बैंक आफ बड़ौदा जाकर जांच की। इस दौरान उन्होंने बैंक कर्मचारियों से पूछताछ की| एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आ चुकी है कि यह घोटाला 600 करोड़ से ज्यादा का है। स्वास्थ्य विभाग में भी 40 लाख रुपये की अवैध निकासी हुई है। एसएसपी ने बताया कि अब तक इस मामले 6 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।
उधर जिला नजारत पदाधिकारी जितेन्द्र साह के द्वारा तिलकामांझी थाना में 109 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज कराया गया है जबकि बीते रात सृजन, बैंक आफ बड़ौदा और इंडियन बैंक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है । आशंका जतायी जा रही है कि घोटाले की रकम अभी और भी बढ़ सकती है। इस मामले में अबतक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिसमें जिलाधिकारी के गोपनीय शाखा के स्टेनो प्रेम कुमार, नाजीर राकेश झा और राकेश यादव , सृजन के आडिटर सतीशचंद्र झा, प्रेरणा ग्राफिक्स के संचालक, बंशीधर झा व इंडियन बैंक के क्लर्क अजय पाण्डे शामिल हैं। इस घोटाले में गिरफ्तार डीएम के स्टेनो प्रेम कुमार की प्रशासन में जबरदस्त हनक हुआ करती थी । डीएम के बाद यहाँ सबसे अधिक रूतबा उसी का हुआ करता था। ईओयू को मिली जानकारी के मुताबिक प्रेम कुमार कीमती सामान को शौकीन था। वह अपने पास मंहगे मोबाइल, मंहगी घड़ी, रत्नजड़ित अंगूठी, कपड़े और सोने के चेन रखा करता था। सृजन महिला की संचालिका मनोरमा देवी के वह काफी करीब था। एसआईटी के मुताबिक बैंकों को फोन कर वही सरकारी राशि सृजन को भिजवाता था। महज पांच साल के कार्यकाल में उसने काफी संपत्ति अर्जित कर ली। जिस पर ईओयू की नजर है। नजारत के नाजीर अमरेन्द्र चौधरी इस घोटाले का पहला एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही फरार है। उसकी संपत्ति पर भी ईओयू की नजर है। ईओयू के मुताबिक अमरेन्द्र चौधरी का विक्रमशीला कॅालोनी में एक बड़ा मकान है। खरमनचक में एक ब्रांडेड शोरूम में उसकी पार्टनरशीप है। उसने शहर के एक मॅाल में पांच दुकानें बुक करायी है। उसने शहर में कई भूखंड भी खरीदे हैं। इसके अलावा कल्याण विभाग के एक कर्मचारी पर भी ईओयू की नजर है। इस विभाग में हुई गड़बड़ी में उसका नाम आ रहा है। शहर के अलावा शहर के बाहर इस कर्मचारी ने कई विशाल मकान और भूखंड खरीदे हैं। इस पर ईओयू की कड़ी नजर है। उधर पटल बाबू रोड स्थित इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक नवीन कुमार राय को प्रबंधन ने निलंबित कर दिया है। नवीन कुमार राय 9 अगस्त से ही फरार चल रहे हैं।
जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने कहा कि गिरफ्तार कर्मचारियों को निलंबित किया जाएगा। पुलिस की लिखित सूचना मिलते ही यह कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला नजारत शाखा के नाजिर अमरेन्द्र कुमार यादव कार्यालय नहीं आ रहे हैं। उसे शोकॅाज किया गया है। जबाव मिलते ही उसपर कार्रवाई की जाएगी। सरकारी राशि की जमा निकासी जांच 2007 से कराई जा रही है। इस घोटाले में जो भी शामिल होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में शामिल अधिकारी भी गिरफ्तार किए जाएंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि सृजन के खाते की जांच की जा रही है। अभी तक जिला नजारत से संबंधित दो, जिला भू अर्जन का एक, जिलापरिषद और डीआरडीए एक, कॅापरेटिव बैंक का दो और कल्याण विभाग की एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिलाधिकारी से बताया कि सृजन की खातों की जांच के दौरान पता चला है कि उसके खाते में सहरसा के बैंक आफ बड़ौदा शाखा में भू अर्जन शाखा से 150 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं।