भागलपुर, (हि.स.)। सृजन विकास सहयोग समिति लिमिटेड, सबौर से निकला 10 करोड़ का घोटाला अब बढ़कर चार सौ करोड़ का हो गया है। इस मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इसकी शुरुआत सृजन से हुई। जांच जैसे जैसे आगे बढ़ी घोटाले में संलिप्त लोगों के नाम सामने आने लगे। सरकारी अफसर, बैंक कर्मी और सृजन के सहयोग से सरकारी राशि के हेराफेरी का आंकड़ा अब 400 करोड़ तक पहुंच गया है।
शुक्रवार को आर्थिक अपराध शाखा के आईजी जेएस गंगवार ने कहा कि अब तक इस मामले में सात लोगों को हिरासत में लिया गया है।
इसी क्रम में शुक्रवार को सहायक सहायक नाजीर अमरेन्द्र कुमार यादव और जिलाधिकारी के पीए प्रेम कुमार को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने सीपीयू, लैपटॅाप और प्रिंटर को जब्त किया है। कहा जाता है कि इसी प्रिंटर से फर्जी तरीके से पासबुक और स्टेटमेंट प्रिंट किए जाते थे। फिलहाल, इसकी जांच की जा रही है। आईजी ने इस मामले में भागलपुर पुलिस के कार्यों की सराहना की।
एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि इस घोटाले के मामले में अब तक नाजिर अमरेन्द्र कुमार सहित कुल सात लोगों को हिरासत में लिया गया है जिसमें जिला प्रशासन के कर्मचारी, बैंक कर्मी और सृजन के कर्मचारी शामिल हैं। सभी के नामों का खुलासा बाद में किया जाएगा। शुक्रवार को भी इस महाघोटाले को लेकर शहलबर भर में कई जगहों पर छापेमारी की गई। गौरतलब है कि उक्त कार्रवाई आर्थिक अपराध शाखा की नई टीम के द्वारा की जा रही है। उधर, गिरफ्तारी के डर से इस घोटाले में शामिल शहर के कई नेता और व्यवसायी शहर छोड़कर फरार हो गए हैं। छानबीन के दौरान जांच दल को सृजन के सहरसा से भी कनेकशन होने की बात सामने आ रही है। वहां से भी फर्जी राशि निकासी की जानकारी टीम को जांच के दौरान पता चला है। इसकी जांच के लिए एक टीम सहरसा रवाना हो चुकी है। इधर जिला प्रशासन द्वारा बैंक से राशि की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
गुरुवार देर रात आर्थिक अपराध शाखा के आईजी जेएस गंगवार, आईजी सुशील मानसिंह खोपड़े और एसएसपी मनोज कुमार ने इस मामले में हिरासत में लिए गए लोगों से अलग-अलग घंटों पूछताछ की। इस फर्जीवाड़े की कड़ी में तीन और मामले सामने आए हैं।
सहकारिता बैंक के 48 करोड़ रुपये इंडियन और बैंक ऑफ बड़ौदा से गायब मिले हैं। जिला प्रशासन की ओर से अबतक इस मामले में तीन एफआईआर किए जा चुके हैं। उधर, सृजन कार्यालय में शुुक्रवार कोे भी सन्नाटा पसरा रहा। वहीं, कंपनी से करीबी संबंध रखने वाले स्थानीय भाजपा नेता और उनकी पत्नी की पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए खोज की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेता की पत्नी सृजन में एक्सक्यूटिव मेंबर हैं। उनके तुलसीनगर स्थित आवास पर अमित कुमार का शिक्षण संस्थान किराये पर चलता है।
पिछले कुछ सालों में उक्त भाजपा नेता की संपत्ति में काफी इजाफा हुआ है। भागलपुर सहित देश के कई बड़े शहरों में उनके फ्लैट और जमीन हैं। आर्थिक अपराध शाखा इन पर पर नजर बनाए हुई है। वहीं, खलीफाबाग चौक स्थित एक बड़े कपड़ा व्यवसायी का भी तार इससे जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। मामले का खुलासा होने के बाद वह भी शहर से बाहर बताए जा रहे हैं। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार घोटाले की रकम और भी बढ़ सकती है। इस बात में कोई आश्चर्य नहीं कि आने वाले दिनों में इस घोटाले में संलिप्त बड़े -बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।