- नगदाहां सेवा समिति ने मनाई पूर्व राष्ट्रपति की 123वीं जयंती
मोतिहारी। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
नगदाहां सेवा समिित के तत्वावधान में भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी की 123वीं जयंती स्थानीय राजा बाजार स्थित जय अंबे कॉम्पलेक्स में गुरुवार को समारोह पूर्वक मनाई गई। इसकी अध्यक्षता सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष मुन्ना गिरि ने की। संचालन रिपुसूदन तिवारी ने किया। इसका शुभारंभ पटन देवी के महंत विजय शंकर गिरि, वि.गु.शंकराचार्य गोस्वामी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोरंजन गिरि, प्रदेश अध्यक्ष अनिल गिरि, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र गुप्ता, प्राचार्य कर्मात्मा पांडेय, कांग्रेस जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र शुक्ल, प्रो.जेसी िगरि, चंद्रकिशोर मिश्र, विश्वनाथ गिरि, रविनारायण राय, मुन्ना गिरि आदि ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर मनोरंजन गिरि ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति सच्चे देशभक्त थे, इनका संपूर्ण जीवन शोषितों, मजदूरों व गरीब किसानों के प्रति समर्पित रहा। इनके पदचिन्हों पर चलने की जरूरत है। वहीं पटन देवी के महंत ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति का संपूर्ण जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था। पीयूपी के प्राचार्य कर्मात्मा पांडेय ने कहा कि डा.गिरि देश के वैसे राष्ट्रपति हुए, जिन्हें देश के जन-प्रतिनिधियों ने अंतर्रात्मा की आवाज पर वोट देकर राष्ट्रपति बनाया। वहीं भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि डा.िगरि कानून के विद्वान होने के साथ-साथ सत्य व अहिंसा के प्रबल समर्थक थे। कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्री शुक्ला ने कहा कि वीवी गिरि देश को आजादी दिलाने का संकल्प लिया था। वहीं समिति के अध्यक्ष श्री गिरि ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए राज्य व केंद्र सरकार से पूर्व राष्ट्रपति की जयंती 10 अगस्त को सरकारी अवकाश घोषित करने की मांग की। कहा कि शीघ्र ही इस संबंध में पीएम, सीएम व डीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस क्रम में चंद्र किशोर मिश्र, रविनारायण राय, अनिल गिरि, विश्वनाथ गिरि, रंजीत गिरि, नसीमा खातून, प्रहलाद गिरि, विपिन गिरि, जेसी गिरि, डा.उमेश चंद्रा, प्रतिभा शर्मा, राकेश ओझा, रवीश मिश्रा, अरूण तिवारी, ओसेदुर रहमान, अरविंद गिरि, सोमेश्वर गिरि, विनोद श्रीवास्तव, प्रहलाद गिरि आदि ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। मौके पर प्रो शकील सिद्दिकी, बलिष्टर गिरि, रंजन भारती, गणेश गिरि, धर्मेन्द्र सिंह, राजन श्रीवास्तव, मुन्ना तिवारी, विजय सिंह, सुभाष गिरि, श्यामाकांत गिरि, मोहन गिरि, मृत्युंजय गिरि, दिवाकर गिरि, संतोष गिरि, श्री नारायण गिरि, मिथिलेश गिरि, संदीप गिरि, अजय गिरि, विभा सिंह, राजन गिरि, रमेश पंडित आदि मौजूद थे।