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बिहार
टेली लॉ सेन्टर का शुभारंभ, लोगों को आसानी से मिलेगी कानूनी सहायता
By Deshwani | Publish Date: 6/8/2017 8:35:26 PM
टेली लॉ सेन्टर का शुभारंभ, लोगों को आसानी से मिलेगी कानूनी सहायता

 पटना, (हि.स.)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से केन्द्रीय न्याय विभाग, विधि एवं न्याय मंत्रालय और बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के संयुक्त तत्वावधान में टेली लॉ सेन्टर का शुभारंभ के अवसर पर नीतीश कुमार ने प्रत्येक पंचायत में ऐसे सेन्टर खोलने की मांग करते हुए कहा कि कॉमन सर्विस सेन्टर में बिहार सरकार की अधिक से अधिक लाभकारी योजनाओं को भी शामिल किया जाएगा।

इस अवसर पर सीएम ने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर एवं पारा लीगल वालंटियर के माध्यम से कमजोर तबके के व्यक्ति भी जो कानूनी सहायता चाहते हैं उन्हें आसानी से कानूनी सहायता मिल पाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में टेली माध्यम एक महत्वपूर्ण सुविधा है। जिससे आईटी से कार्यों में पूरी पारदर्शिता आएगी तथा सबकों सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार में कॉमन सर्विस सेंटर की तरह सुविधा केन्द्र की शुरुआत पहले भी की जा चुकी है परंतु उसकी परिकल्पना उस तरह से नहीं थी। जैसा आज के कॉमन सर्विस सेंटर की है।

नीतीश कुमार ने कहा की आज कामन सर्विस सेटर के माध्यम से लोगों को अनेक प्रकार की सुविधाए उपलब्ध कराई जा रही हैं और कॉमन सर्विस सेंटर से टेक्नोलॉजी के प्रति लोगों के मन में आकर्षण बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सेवा उपलब्ध कराने के लिए बिहार में 2010 में लोक सेवा अधिकार की शुरुआत की गई थी। जिसके तहत लोगों को सेवा मिलनी शुरू हो गई है।

सीएम ने कहा कि इससे पहले लोगों को आवासीय, जाति, चरित्र प्रमाण पत्र आदि के लिए कितना चक्कर लगाना पड़ता था किन्तु अब यह सेवा लोगों को आसानी से उपलब्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ लोगों कि शिकायतों के निष्पादन के लिए लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून लागू किया गया है। जिसके तहत लोगों की शिकायतों का समाधान किया जा रहा है। लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून में अपील का भी प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने ‘रूल ऑफ ला’ को स्थापित करने को सबसे अधिक आवश्यक बताते हुए कहा कि प्राप्त होने वाले शिकायतों में भूमि विवाद के मामले लगभग साठ प्रतिशत हैं ।

रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में न्यायिक क्षेत्र में पटना उच्च न्यायालय लोक अदालतों का आयोजन कर मामलों के निपटारे की कोशिश जारी है। उन्होंने कहा कि 2016 से अब तक लोक अदालत के माध्यम से चार लाख से ज्यादा मामलों का निष्पादन किया जा चुका है। न्याउन्होंने कहा कि यदि भूमि विवाद के समस्याओं का समाधान किया गया तो समाज में शांति आ जाएगी। उन्होंने कहा कि भूमि विवाद के निपटारे के लिए लिए नये सिरे से सर्वेक्षण कराया जा रहा है और पुराने सारे दस्तावेजों को अपडेट कर डिजिटलाइज किया जाये व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से आवश्यक निधि उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायालय के भवन के विस्तार के लिए राज्य सरकार ने 169 करोड़ रूपये की योजना स्वीकृत किया है जिस पर कार्य प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार में लाभार्थियों के बीच डायरेक्ट बेनिफीट ट्रांसफर का प्रयोग पहले से किया जा रहा है। बालिका साइकिल योजना का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत शुरू से साइकिल खरीदने के लिये छात्र-छात्राओं को पैसे नकद दिए जाते थे। उन्होंने कहा कि बालिका साइकिल योजना के फलस्वरूप स्कूलों में लड़कियों की संख्या एक लाख 70 हजार से बढ़कर नौ लाख हो गई है।

नीतीश कुमार ने कहा कि अब सारी राशि बैंकों के जरिए छात्राओं को दी जाएगी और अन्य सभी छात्रवृति योजनाओं तथा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं का लाभ भी लाभार्थियों को बैंक के माध्यम से दिया जाएगा जिसकी इसकी शुरूआत की जा चुकी है।

उन्होंने कहा की बैंक खातों को आधार कार्ड से भी जोड़ने का काम प्रगति पर है। कामन सर्विस सेंटर के माध्यम से अधिक से अधिक राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों को दिलाने का प्रयास किए जाने का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि लोक शिकायत कानून से भी कॉमन सर्विस सेंटर को जोड़ने की कोशीश की जाएगी । मुख्यमंत्री ने कहा कि टेली लॉ के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को जल्दी न्यायिक सहायता मिल जाएगी।

सीएम ने कहा कि बिहार के लिए यह यह गर्व की बात है कि यहां के राज्यपाल भारत के राष्ट्रपति बने और अब इस राज्य के मुख्य न्यायाधीश रह चुके न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा भारत के मुख्य न्यायाधीश बनाए जाएंंगे। सभा को सम्बोधित करते हुए बिहार राज्य सेवा प्राधिकार के रजिस्ट्रार सुमित रंजन ने कहा कि राष्ट्रीय-राजकीय अवकाश व रविवार को छोड़ हर दिन लोगों को कानूनी सलाह दी जायेगी।

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार के समक्ष काफी सारी चुनौतियां हैं। गत 25 वर्षों में सूचना तकनीक ने क्रांति ला दी है। सूबे के विकास के लिए इसका बेहतर उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सूबे के 1064 थानों को ऑनलाइन किया जा रहा है ताकि लोगों को थाना का चक्कर लगाना नहीं पड़े, बल्कि एक बटन दबाने से उन्हें सारी जानकारी घर बैठे मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार में न्यायिक ब्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 669 करोड़ रूपये के योजना की स्वीकृत की जा चुकी है।

समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि आमजन और पीड़ित अन्तर्द्वंद से बाहर निकल कर अपने अधिकारों को हासिल करें। उन्होंने कहा कि बिहार में पूर्व से 1800 पारा लीगल स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं लेकिन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने इसकी संख्या बढ़ाकर 4000 कर दिया है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों कोवपत्र भी लिखा है और संभवतः इस माह के 21 तारीख तक इन स्वयंसेवकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो जायेगी। इस मौके पर उन्होंने टेली-लॉ के जरिये आमजनों को न्याय उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रहे पारा लीगल स्वयंसेवकों की पारिश्रमिक 250 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 500 रूपये करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे लोग इस काम को अच्छे तरीके से कर रहें हैं और इनकी सेवाएं समाज के जरूरतमंद लोगों को मिल भी रहा है। इन्हें अपने अधिकार को जानने की आवश्यक्ता है। राष्ट्रीय बिधि सेवा प्राधिकार इन्हें जरूरत के अनुसार हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर प्रतिबद्ध है ताकि समाज के जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजेन्द्र मेनन ने कहा कि आज का दिन बिहार के लिए ऐतिहासिक दिन है। आमजनों को सस्ता एवं सुलभ न्याय दिलाने और संविधान में प्रदत्त अधिकारों को अमजनों तक पहुंचाने के लिए यह एक नेक कदम है। उन्होंने उपस्थित लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस योजना की सफलता के लिए पटना हाईकोर्ट अपनी प्रतिबद्धता और वचनबद्धता को पूरी तन्मयता से निभाएगी तथा जो संभव होगा मदद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे भी चाहते है कि आम जनों तक सुलभ न्याय पहुंचे। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अंत में पटना हाई कोर्ट विधि सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डॉ रवि रंजन ने इस कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापन किया। 

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