पटना, (हि.स.) भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को कहा कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव उस मछली की तरह तड़फड़ा रहे हैं जिसे तालाब गंदा करने के कारण जल से बाहर फेंक दिया गया हो। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने संवाददाताओं के साथ बात चीत में यहां कहा कि सत्ता को भ्रष्टाचार और काली कमाई का जरिया बना चुके लालू और उनके परिवार के नवोदित चिराग तेजस्वी को संकट में बापू की याद आने लगी है और अब वे महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण से यात्रा की शुरुआत कर 27 अगस्त की रैली में भीड़ जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
हास्यास्पद है कि कभी लाठी रैली के नाम पर राज्य भर में उत्पात मचाने वाली पार्टी, राजद को अब बापू याद आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कभी धर्मनिरपेक्षता के नाम पर, कभी जयप्रकाश नारायण के शिष्य होने के नाम पर, कभी कर्पूरी ठाकुर का करीबी होने के नाम पर, कभी राम मनोहर लोहिया के नाम पर, तो कभी महात्मा गांधी के नाम पर जनता को लालू प्रसाद का कुनबा लगातार ठगता रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू यादव के चरित्र में सिर्फ बिहार की जनता को ठगना ही नहीं बल्कि जेपी, लोहिया जैसे महापुरुषों के आदर्शों की तिलांजलि देना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब ठगना और मूर्ख्य बनाना आसान नहीं तथा तेजस्वी यादव को अपनी यात्रा के क्रम मैं बिहारवासियों के तीखे सवालों के जवाब के लिए तैयार रहना होगा।पटेल ने कहा कि बिहार की जनता यह जानना चाहती है कि खुद को निर्दोष बताने वाले तेजस्वी के पास अकूत संपत्ति कहां से आई और नाबालिग बताकर लोगों की सहानुभूति बटोरने की कोशिश करने वाले तेजस्वी अरबों-खरबों के मालिक कैसे बन गये? पटेल ने कहा कि 27 साल की उम्र में 27 सम्पतियां कैसे और कहा से आ गईं? उन्होंने कहा कि अपने पिता और राजद सुप्रीमो लालू यादव के कारनामों की कालिख से बचने के लिए तेजस्वी भले ही बापू जी को याद कर लें, पर उनका बचना मुमकिन नहीं। तेजस्वी को उनकी चम्पारण यात्रा भी उन्हें जेल जाने से नहीं बचा सकती।
पटेल ने कहा कि लालू का कुनबा भ्रष्टाचार के आरोपों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए अनर्गल और बेतुकी बयानबाजी करने में लगा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले राजद नेता लालू यदाव जो खुद को जयप्रकाश का चेला बताते हैं आज आपातकाल और भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस की गोद में बैठे हुए हैं ।