पटना, (हि.स.) । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू-राजद-कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राज्य का विकास दर 14.8 प्रतिशत रहा है, वहीं प्रति व्यक्ति आय में 13.15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। यह विकास विकेन्द्रीकृत तरीके से योजनाओं को लागू करने से हुआ है।
प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से भी बिहार का दूसरा स्थान है। धरातल पर लागू की गयी हमारी योजनाओं का बड़ा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि विकास के कार्यों में और गति लानी है। उन्होंने काम नहीं करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को यहां अपने 1, अणे मार्ग स्थित आवास के ‘ नेक संवाद ’ में सभी विभागों के प्रधान सचिव/सचिवों के साथ बैठक में बताया कि वर्ष 2016-17 में बिहार का विकास दर वर्तमान/चालू दर के आधार पर 14.8 प्रतिशत है तथा स्थिर दर के आधार पर 10.32 प्रतिशत है। कुल मिलकार बिहार में दो अंकों में विकास दर है । यह खुशी की बात है।
बिहार के कस्बो में स्कूल भवनों के निर्माण का उदाहरण देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सभी कसबों/इलाकों में निर्माण सामग्री की उपलब्धता बढ़ी तथा लोगों के लिये रोजगार भी पैदा हुये। स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की भी समीक्षा की जायेगी कि इस योजना से कितने लेागों को लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि हमारा मूल उद्देश्य है बिहार में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ग्राॅश इनराॅलमेंट रेशियो को बढ़ाना।
सभी विभागों के प्रधान सचिवों को निर्देश दिया कि अपने विभाग के संसाधनों के उपयोग पर नजर रखें तथा विभाग के कार्यों में पूरी पारदर्शिता बरतें। विभागवार विस्तृत समीक्षा की जायेगी। सभी प्रधान सचिव/सचिव अपने विभाग के सेवा संबंधी मामलों पर ध्यान देंगे। उन्होंने राजस्व संबंधित मामलों के निष्पादन पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया और कहा कि इससे समाज में शांति आयेगी।
उन्होंने कहा कि विधानसभा एवं विधान परिषद के सत्र में प्रश्नकाल एवं कार्यवाही के दौरान विभाग के वरीय अधिकारी पदाधिकारी दीर्घा में उपस्थित रहें।
बैठक में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार,मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा और मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह भी उपस्थित थे।