पटना, (हि.स.)। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे अथवा बर्खास्तगी की मांग की लेकर विगत कुछ दिनों से सतारूढ़ महागठबंधन में जारी संकट पर राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे और कहा कि नीतीश कुमार को उन्होंने मुख्यमंत्री बनाया था, यदि वे पद का बोझ नहीं ढो सकते तो वे जानें।
राजद के विधानमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए लालू यादव ने बुधवार को यहाँ कहा कि तेजस्वी यादव से नीतीश कुमार ने तो इस्तीफा नहीं मांगा है। महागठबंधन में संकट और दरार को मीडिया के मत्थे मढ़ते हुए लालू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार क्या फैसला लेंगे ये तो वे ही बता सकते हैं या मीडिया ही कुछ कह सकती है।
नीतीश कुमार को महागठबंधन दल का नेता बताते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन का नेता होने के नाते उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया और महागठबंधन अपना कार्यकाल पूरा करे, वे यही चाहते हैं। भाजपा पर नीतीश कुमार पर डोरे डालने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए लालू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार से उनकी बातचीत बंद नहीं हुई है और लगभग प्रतिदिन उन दोनों की बातें होती हैं।
तेजस्वी की ओर से उन पर लगे आरोपों पर सफाई नहीं दिए जाने के बारे में राजद नेता ने कहा कि समय आने पर सही स्थान पर तेजस्वी यादव इस सन्दर्भ में कुछ भी सफाई पेश करेंगे।
संवाददाता समेलन में अपने पिता लालू प्रसाद यादव और माता राबड़ी देवी की उपस्थिति में तेजस्वी ने अपने इस्तीफे पर साफ़ किया कि केवल नीतीश कुमार हिज नहीं बल्कि उन्हें भी अपनी छवि की चिंता है। उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि वे इस्तीफा अपने पद से नहीं देंगे। राजनीतिक उठापटक के बीच तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने उनसे इस्तीफा देने की कभी बात ही नहीं कही। उन्होंने कहा कि जदयू कोई पुलिस नहीं कि वह उसे अपनी सफाई पेश करें और जनता ने उन्हें चुन कर भेजा है, इसलिए किसी भी तरफ की सफाई वे जतना के बीच देंगें।
गठबंधन को तोड़ने की साजिश रचने का आरएसएस और भाजपा पर आरोप लगाते हुए तेजस्वी यादव ने बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी को बाहरी व्यक्ति बताते हुए कहा कि बाहर से आकर राजनीति करने वाले नेता बिहार का भला नहीं चाहते। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर उन्होंने आरोप लगाया कि वे देश के हर राज्य में भाजपा की ही सरकार बनाना चाहते हैं और इसी मंशा से महागठबंधन को तोड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच सामाजिक नेता और एक जमाने में नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों के करीबी रह चुके शिवानन्द तिवारी ने नीतीश को धमकी देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात नीतीश कुमार करेंगे तो गड़े मुर्दे उखड़ेंगे, क्योंकि नीतीश कुमार खुद दूध के धुले नहीं हैं। नीतीश कुमार को वे उन्हें 40 वर्षों से जान रहे हैं और ऐसे में यदि गड़े मुर्दे उखड़े तो उनके लिए जवाब देना मुश्किल होगा।
भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस को नीतीश कुमार का ढोंग बताते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार यदि गड़े मुर्दे नहीं उखड़ेंने देना चाहते तो इस मामले को उन्हें तूल देना उचित नहीं। नीतीश कुमार को लालू यादव के साथ बैठकर बात करने की अपनी सलाह को दोहराते हुए कहा कि लेकिन अभी तक नीतीश कुमार ने लालू यादव से बात तक नहीं की।
नीतीश कुमार की ओर से तेजस्वी यादव को उनपर लगे आरोपों की सफाई जनता के बीच देने की सलाह पर शिवानन्द तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार न तो कोई कोर्ट हैं और ना ही सीबीआई ने उन्हें आउटसोर्स किया है।
शिवानंद ने कहा, 'नीतीश बोल रहे हैं कि तेजस्वी जनता के बीच जाएं और लोगों के बीच साक्ष्य प्रस्तुत करें और उनके प्रवक्ता बोल रहे हैं कि तेजस्वी सभी सवालों का जवाब दें। नीतीश कुमार कोर्ट है क्या? क्या सीबीआई ने उनको आउटसोर्स किया है।
उल्लेखनीय है कि रेलवे होटल घोटाले में तेजस्वी यादव पर भी सीबीआई ने एफआइआर किया जिसके बाद जदयू ने तेजस्वी को अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर जनता के बीच सफाई पेश करने और अपने पद से स्वतः इस्तीफा करने को कहा। हालांकि राजद तेजस्वी यादव के ना तो इस्तीफा करने और ना ही कोई सफाई देने की बात पर अडिग है जिससे महागठबंधन में तनातनी की स्थिति बनी हुई है।