बिहार
तेजस्वी से इस्तीफा मामले पर राजद नरम पड़ा, नीतीश को लालू से बातचीत करने की शिवानंद ने दी सलाह
By Deshwani | Publish Date: 25/7/2017 8:47:44 PMपटना, (हि.स.)| भ्रष्टाचार के सीबीआई मामले में आरोपी डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव से इस्तीफा के लिए अड़े जदयू अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कड़ा तेवर देख मंगलवार को राजद नरम पड़ा है। एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कह दिया है कि महागठबंधन को कायम रखने की अकेले उनकी नहीं बल्कि राजद और कांग्रेस की भी जिम्मेदारी है। इसको लेकर कांग्रस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर नीतीश ने दो टूक बता दिया है कि भ्र्ष्टाचार के मामले में वे समझौता नहीं करेंगे।
वहीं मंगलवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की तरफदारी में जुटे पूर्व सदस्य शिवानंद तिवारी ने नीतीश को लालू प्रसाद से बातचीत करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि नीतीशजी को बड़प्पन का परिचय देकर बगैर देर किए उन्हें लालू से बात कर अनिश्चितता के माहौल को दूर करना चाहिए।
राजनीतिक गलियार में नीतीश द्वारा अगले एक-दो दिनों में कोई बड़ा फैसला लेने के संकेत के कारण महागठबंधन के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। उन्होंने जदयू प्रवक्ताओं को दो दिनों से राजद पर कुछ बोलने से मना कर रखा है। नीतीश की ओर से तेजस्वी को मंत्रिमंडल से हटाने की कार्रवाई भी संभव है। उन्होंने कहा है कि तेजस्वी को लेकर उनकी सरकार पर कोई संकट नहीं है। ऐसे में राजद की ओर से नीतीश को लालू से बातचीत की नयी पेशकश को महागठबंधन में टूट बचाने का प्रयास के रुप में देखा जा रहा है।
विधानमंडल का 28 जुलाई से शुरु हो रहे मॉनसून सत्र के मदृदेनजर सभी दलों के विधायक दल की कल—परसों बैठक होनी है। राजद विधायक दल की बुधवार को होने वाली बैठक में तेजस्वी के इस्तीपफा और सपफाई देने नहीं देने के पार्टी के स्टैण्ड पर पुनर्विचार भी हो सकता है।
मालूम हो,लालू-राबड़ी-तेजस्वी के खिलाफ सीबीआई द्वारा रेलवे से संबंधित भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर छापामारी के बाद नीतीश की लालू से भेंट नहीं हुई पर टेलीफोन पर एक बार बातचीत हुई है। सीबीआई के आरोपों का तेजस्वी से तथ्यों के आधार पर प्रमाणिक सफाई जनता के बीच देने की जदयू की मांग लालू ने ठुकरा दी है। इसके साथ तेजस्वी से इस्तीफा देने का परोक्ष दबाव मानने से भी लालू ने साफ इंकार कर दिया है। इसके कारण जदयू-राजद में तनातनी और जुबानी जंग के बाद अब महागठबंधन और सरकार पर ही संकट के बादल मंडरा रहे हैं ।