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राजस्व-संग्रह को दायित्व समझें अधिकारी: सिद्दिकी
By Deshwani | Publish Date: 21/7/2017 8:16:30 PM
राजस्व-संग्रह को दायित्व समझें अधिकारी: सिद्दिकी

पटना, (हि.स.)। शुक्रवार को राज्य के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी ने सचिवालय स्थित सभा कक्ष में राजस्व संग्रहण से जुड़े विभागों की एक समीक्षात्मक बैठक में अधिकारियों से राजस्व-संग्रह को अपना दायित्व समझने को कहा है ।
सिद्दिकी ने 1 जुलाई 2017 से लागू जीएसटी के अन्तर्गत निबंधित व्यवसायी तथा वास्तविक कर प्रदान करने वाले व्यवसायियों की गणना करते हुए जीएसटी के कारण राज्य के कर-संग्रहण में पड़ने वाले प्रभाव की ससमय समीक्षा करने का निर्देश देते हुए कहा कि नियमानुकुल पेशाकर का दायरा भी बढ़ाए जाने की जरूरत है। 
सिद्दिकी ने वाणिज्यकर विभाग को उनके वार्षिक लक्ष्य 25000.00 करोड़ को निर्धारित समय में पूरा करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी सूरत में व्यापारियों को अनावश्यक रूप से तंग नहीं किया जाए। निबंधन विभाग को जीपीएस संयोजन कार्य का समय सीमा निर्धारित करते हुए अतिरिक्त राजस्व जुटाने का निर्देश देते हुए सिद्दिकी ने कहा कि वार्षिक लक्ष्य 4000 करोड़ को प्राथमिकता के रूप में स्वीकार किया जाए। 
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भूमि पर लगने वाले कर एवं उपकर को सेस सहित न्यूनतम 100 रूपया करने का निर्देश दिया गया। साथ ही साथ 2017-18 वार्षिक लक्ष्य 600 करोड़ से बढ़ा कर 1000 रूपये करने का निदेश देते हुये सिद्दिकी ने कहा कि भूमि अद्यग्रहण पर लगने वाले शासकीय खर्च की राशि का पैसा कोषागार के माध्यम से राज्य सरकार के समेकित निधि में जमा किया जाए।
सूदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले हाटों पर सरकारी नियंत्रण की आवश्यकता जताते हुए सिद्दिकी ने कहा कि ऐसे हाटों का सर्वक्षण कराया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण व्यापारियों को स्थानीय दबंगों के भयादोहन से मुक्ति मिल सके और सरकारी राजस्व की वृद्धि हो सके। समीक्षात्मक बैठक में विभिन्न विभाग के अधिकारियों की ओर से जीएसटी से होने वाले लाभ और विकास की जानकारी दी गयी। 
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