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राष्ट्रपति चुनाव को जातिवाद व क्षेत्रवाद से जोड़ना अनुचित: सीमा
By Deshwani | Publish Date: 24/6/2017 6:40:32 PM
राष्ट्रपति चुनाव को जातिवाद व क्षेत्रवाद से जोड़ना अनुचित: सीमा

पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क


राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष सीमा सक्सेना ने कहा कि राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद है, इसलिए ऐसी कोई राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं की जानी चाहिए, जिससे इस पद की गरिमा को ठेस पहुंचे। सीमा सक्सेना ने कहा कि संवैधानिक पदों को जातिवाद, मजहबवाद और क्षेत्रवाद के नजरिये के साथ देखना गलत परंपरा की शुरुआत होगी, इसलिए सभी राजनीतिक दलों औऱ राजनेताओं को अपने बयानों में संयम बरतने की ज़रूरत है। रालोसपा नेता ने कहा कि ये राष्ट्रपति पद का चुनाव है, कोई दलित बनाम दलित या यूपी बनाम बिहार या पुरुष बनाम महिला का चुनाव नहीं है, हम सभी को इस तरह की राजनीति का विरोध करना चाहिए।
रालोसपा महिला अध्यक्ष ने कहा कि रामनाथ कोविंद जी की योग्यता पर किसी को संदेह नहीं है, वो इस पद के लिए सुयोग्य उम्मीदवार हैं, इसीलिए जदयू जैसे दल एनडीए में न होते हुए भी उनका समर्थन कर रहे हैं। देश में हमेशा से ये परंपरा रही है कि जिस दल या गठबंधन की केंद्र में सरकार होती है, वो राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार का चयन करता है और विपक्षी दलों से बात करके सर्वसम्मति बनाने की कोशिश करता है। एनडीए ने श्री कोविंद को अपना प्रत्याशी बनाया और फिर विपक्षी दलों के नेताओं से मिलकर उनसे समर्थन की मांग की। श्री कोविंद को लेकर एक भी विपक्षी दल ने किसी भी तरह की कोई आपत्ति नहीं की, इसके बावजूद विपक्षी गठबंधन ने अपना उम्मीदवार उतार दिया। अब विपक्ष देश की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष और पांच बार की सांसद रह चुकीं वरिष्ठ नेता की जाति या फिर उनके बिहार की बेटी होने जैसी बातें कर रहा है, जो उचित नहीं है।



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