बिहार
रामनाथ कोविंद को नीतीश का मिल सकता है समर्थन,राष्ट्रपति चुनाव में फिर दिखेगा महागठबंधन में मतभेद
By Deshwani | Publish Date: 19/6/2017 7:39:40 PM पटना, (हि.स) । केन्द्र में सत्तारुढ़ राजग की ओर से बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को सोमवार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की घोषणा के साथ प्रदेश में सत्तारुढ़ जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन में मतभेद अवश्यंभावी हो गया है। मुख्यमंत्री एवं जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राज्यपाल रामनाथ कोविंद के नयी दिल्ली जाने के पहले राजभवन जाकर शिष्टाचार भेंट की । उसके बाद नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के राज्यपाल को राष्ट्रपति बनाने से उन्हें व्यक्तिगत खुशी होगी। उन्होंने कहा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से बातचीत कर मैंने अपनी भावना से उन्हें अवगत करा दिया है।
राजनीतिक गलियारे में नीतीश के बयान को रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी का स्पष्ट समर्थन के रूप में माना जा रहा है। राष्ट्रपति के पिछले चुनाव भी नीतीश कुमार ने राजग में रहते कांग्रेस प्रत्याशी प्रणव मुखर्जी का समर्थन किया था। राजग की ओर से पीए संगम राष्ट्र्रपति के प्रत्याशी बने थे। नीतीश कुमार इसके पहले भी नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्र्राइक,कश्मीर में आतंकियों के खिलापफ हो रही सैन्य कार्रवाई सहित कई ज्वलंत मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार के साथ दिखे हैै।
बिहार के अब तक के 36 राज्यपालों में जाकिर हुसैन के बाद रामनाथ कोविंद दूसरे राज्यपाल होंगे जो राष्ट्रपति बनेंगे। राज्यपाल के बाद जाकिर हुसैन पहले उप राष्ट्रपति तब राष्ट्र्र्रपति बने थे। बिहार को राजेन्द्र प्रसाद के देश का प्रथम राष्ट्रपति बनने का गौरव मिला है।
इधर माना जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार को राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाने पर जदयू बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद के साथ होंगे। कोविंद का लगभग तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने को हैं । राज्यपाल के रूप में रामनाथ कोविंद का मुख्यमंत्री से कभी टकराव नहीं हुआ। लोकायुक्त विधेयक को छोड़ उनके कार्यकाल मे राज्यपाल ने सभी विधेयकों पर सहमति दी। शराबबंदी को लेकर नये कानून से संबंधित विधेयक पर राज्यपाल ने सहमति दी। कुलपति और प्रति कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और सरकार के बीच टकराव नहीं रहा।