बिहार
विधान परिषद के सुरक्षाकर्मियों से कारण बताओ नोटिस का सुशील मोदी ने किया विरोध
By Deshwani | Publish Date: 17/6/2017 11:45:16 AM पटना, (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी पुत्री हेमा यादव को करोड़ों की सम्पत्ति दान देने वाले विधान परिषद कर्मी ललन चौधरी से मीडियाकर्मियों द्वारा पूछताछ किये जाने को लेकर परिषद के मार्शल सहित चार सुरक्षाकर्मियों से कारण बताओ नोटिस देकर जवाव तलब किया गया है। इस कार्रवाई पर बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि जब मीडिया ने ललन चौधरी को खोज निकाला तो खीझ में विधान परिषद के सुरक्षाकर्मियों ने पर सरकार ने गाज गिरा दी है। ललनचौधरीको मीडिया के सामने लाने के बाद मीडियाकर्मियों के विधान परिषद में प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी जिसे भाजपा के तीखे विरोध के बाद आज हटाया गया।
मोदी के अनुसार पिछले 14 जून को विधान परिषद के लेखा शाखा-2 में कार्यरत ललन चौधरी से मीडियाकर्मियों ने पूछताछ की और उसे दुनिया के सामने लाया। मीडिया की इस कार्रवाई से खफा सरकार के इशारे पर परिषद प्रशासन ने मार्शल त्रिभुवन सिंह, उप मार्शल सीताराम राय, माइकल पोल दास और राजेश्चर राम को कारण बताओ नोटिस थमा दिया है। इन सुरक्षाकर्मियों से पूछा गया है कि वे स्थिति स्पष्ट करें कि किस परिस्थिति में और कैसे मीडियाकर्मियों द्वारा परिषद सचिवालय की लेखा शाखा-2 में प्रवेश कर पूछताछ की|
मोदी ने कहा कि बीपीएल कार्डधारी और खाली समय में लालू प्रसाद के खटाल में काम करने वाला ललन चौधरी की नियुक्ति राबड़ी देवी के मुख्यमंत्रित्व काल में तत्कालीन विधान परिषद के सभापति जाबिर हुसैन चतुर्थवर्गीय कर्मी के पद पर की गई थी। चौधरी ने 2014 में राबड़ी देवी और उनकी बेटी हेमा यादव को पटना की अपनी एक करोड़ की सम्पत्ति में दान कर दी थी। लालू प्रसाद जब इस दानवीर ललन चौधरी को लोगों के सामने नहीं लाए तो मीडिया ने उसे ढूंढ निकाला। ललन चौधरी की असलियत उजागर होने से धबड़ाई सरकार मीडिया कर्मियों को धन्यवाद देने के बजाय उसके प्रवेश पर रोक और सुरक्षाकर्मियों पर कार्रवाई कर रही है ।