- प्रेस वार्ता में राज्य सरकार पर जमकर बरसे भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कहा- बिहार सरकार दलीय
भावना से ऊपर उठकर काम करेेें
मोतिहारी। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
सांसद सह भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह मस्त ने कहा कि किसानों की बदहाली पर घड़याली आंसू बहाना बंद कर राज्य सरकार किसान हित पर ध्यान दे। कृषि विकास की लंबित योजनाओं को गति दे। बिहार फसल बीमा में राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे चल रहा है। इसकी एकमात्र वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंध विरोध है। यहीं हाल सिंचाई योजनाओं व स्वायल हेल्थ कार्ड का भी है। योजनाओं की शिथिलता के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। कहा कि सरकार दलीय भावना से उपर उठकर किसान हित में काम करे। वे शुक्रवार को स्थानीय गांधी काॅम्पलेक्स में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा देश के किसानाें को फसल ऋण पर केंद्र सरकार 5 प्रतिशत ब्याज सहायता देती है। किसानों को सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है। उस पर भी मध्यप्रदेश, छतीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र, तमिलनाडु, केरल, राजस्थान व पंचाब में राज्य खजाने से 4 प्रतिशत अतिरिक्त सहायता देती है, इन राज्यों में किसानों को ब्याज रहित लोन मिलता है। मुख्यमंत्री बताएं कि बिहार के किसानों को ब्याज रहित लोन क्यों नहीं मिल रहा है। देश के सभी राज्यों में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं व चावल देना है, राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर किसानों से अनाजों की खरीदारी करती है, किंतु बिहार के किसानों को गेहूं व धान का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। वहीं मूल्य स्थिरीकरण फंड के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहन व तिलहन की खरीद की जाती है, कई राज्यों ने अरहर दाल खरीदने का प्रस्ताव भेजा, िजसका समर्थन मूल्य 5050 है। 2 मिलियन टन दलहन की खरीद हुई। लेकिन बिहार सरकार ने ऐसा क्यूूं नहीं किया। वहीं बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत िजन कृषि उत्पादों का समर्थन मूल्य नहीं है, यदि किसी राज्य में ऐसे कृषि उत्पादों का उत्पादन 10 प्रतिशत से जयाद हो व बजारा मूल्य में 10 प्रतिशत गिरावट आ जाए तो राज्य सरकार इस योजना के तहत 10 प्रतिशत खरीद करती है, िजससे किसानों को बाजार भाव मिलने लगता है। कर्नाटक ने सुपारी, तमिलनाडु ने पाम ऑयल, अरूणाचल ने अदरख, उत्तर प्रदेश व नगालैंड आलू, मध्यप्रदेश, कर्नाटक व तेलगांना ने प्याज व मिजाेरम अंगूर की खरीदारी करता है, मगर बिहार सरकार ने इस दिशा में क्या किया। उन्हाेंने कहा कि बिहार सरकार अंध विरोध की राजनीति छोड़ दे। मौके पर भाजपा नेता मौजूद थे।