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बिहार
विधान परिषद में पत्रकारों के प्रवेश पर लगी रोक 5 घंटे में हटी
By Deshwani | Publish Date: 16/6/2017 6:34:58 PM
विधान परिषद में पत्रकारों के प्रवेश पर लगी रोक 5 घंटे में हटी

पटना, (हि.स.)। बिहार विधान परिषद के उप -सभापति हारुण रशीद ने शुक्रवार को पत्रकारों के प्रवेश पर रोक का निर्देश पांच घंटे बाद वापस ले लिया। पाबंदी को लेकर पत्रकारों ने विरोध प्रकट किया । इस पर उप-सभापति ने अफसोस जाहिर किया और कहा कि पत्रकारों से अपेक्षा है कि वे परिषद से किसी भी किसी विषय पर जानकारी के लिए उनसे या सचिव से सम्पर्क करें न कि सीधे कर्मियोें से मिलने उनके समीप चले जायें।

उप सभापति​ के मौखिक निर्देश पर सुरक्षा​कर्मियों ने शुक्रवार को दो बजे तक पत्रकारों को परिषद में नहीं जाने दिया। एक हिन्दी दैनिक के पूर्व संपादक को प्रवेश पत्र की छानबीन के बाद भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। वहीं, कई अन्य कई पत्रकारों को लौटा दिया गया। परिषद के सचिव सुनील कुमार पंवार ने अवकाश पर होने के कारण पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी के संंबंध में अ​नभिज्ञता जतायी। उन्होंने कहा कि उप सभापति महोदय से जानकारी ले लें ।
उप सभापति से जब पत्रकारों ने मिलकर विरोध जताया तो उन्होंने पाबंदी तत्काल हटा दिये जाने की बात कही। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सुशील कुमार मोदी ने भी टेलीफोन किया था। 
उन्होंने माना कि पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का मुख्य कारण यह यह था कि दो दिन पहले मीडिया के कई प्रतिनिधि परिषद के एक सहायक ललन चौधरी से सम्पर्क करने उनके बैठने की जगह चले गये थे । कर्मचारी को बाहर बुलाकर उससे पूछताछ संबंधी खबर काफी प्रचारित की गई थी। 
गौरतलब है कि परिषद में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव को 70 लाख रुपये की जमीन परिषद कर्मचारी ललन चौधरी द्वारा दान देने का मामला एक चैनल द्वारा उजागर किया गया था। इसी पर चैनल के कुछ लोग ललन चौधरी से सम्पर्क करने उनके बैठने की जगह चले गये थे । इसपर बाहर बुलाकर उनसे पूछताछ की गई जिसका वीडियो वायरल हो गया था। 
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