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आइजीआसी: निकालना था पानी, निकाल लिया खून, मरीज की हो गई मौत
By Deshwani | Publish Date: 10/6/2017 5:02:59 PM
आइजीआसी: निकालना था पानी, निकाल लिया खून, मरीज की हो गई मौत

पटना । देशवाणी न्यूज नेटवर्क


राजधानी पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइसी) में इलाज में लापरवाही के कारण आरा के कोइलवर निवासी रंजीत प्रसाद की मौत हो गई। बता दें कि मरीज के शरीर से पानी निकालना था लेकिन उसके शरीर से खून निकाल दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस बात पर परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा। मरीज को गुरुवार की सुबह आइजीआइसी में भर्ती कराया गया। परिजनों का आरोप है कि मरीज चौबीस घंटा तक अस्पताल में पड़ा रहा लेकिन कोई भी सीनियर डॉक्टर उसे देेखने नहीं आया और अन्तत: आज तड़के तीन बजे उसकी मृत्यु हो गई। परिजन इसे डॉक्टरों की लापरवाही मान रहे हैं। मरीज रंजीत प्रसाद की विधवा अनिता देवी का कहना था कि आरा से लाए थे तो, उन्हें छाती में दर्द था लेकिन वे सामान्य स्थिति में थे। यहां पर गुरुवार को सुबह आठ बजे भर्ती कराया गया। उन्हें उम्मीद थी कि कोई वरिष्ठ डॉक्टर देखेगा तो वे ठीक हो जाएंगे। लेकिन दिनभर में कोई सीनियर डॉक्टर नहीं आया। रात में मरीज की तबीयत अचानक ज्यादा खराब होने लगी। मरीज की तबीयत बिगडऩे पर परिजन एक कमरे से दूसरे कमरे तक डॉक्टर के लिए दौड़ते रहे लेकिन दो बजे अस्पताल में कोई सीनियर डॉक्टर नहीं था। मरीज की छाती में दर्द की शिकायत पर डॉक्टरों ने पानी निकालने की बात कहीं। लेकिन जब वे पानी निकालने लगे तो काफी मात्रा में खून निकलने लगा। इसी दौरान उसकी रात में ही मौत हो गई।मरीज की मौत होने पर शव के साथ परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। रंजीत के बेटा आदित्य का कहना था कि डॉक्टर की पर्ची पर डॉ.हरेंद्र कुमार का नाम लिखा हुआ है, लेकिन वे कभी भी मरीज को देखने नहीं आए। अगर कोई सीनियर डॉक्टर मेरे पिता जी को देखने आता तो, वे बच सकते थे। इधर आइजीआसी के निदेशक डा.एसएस चटर्जी ने कहा कि मरीज की हालत काफी गंभीर थी, उसकी छाती में पानी हो गया था। डॉक्टरों ने पानी निकालने की कोशिश की मगर मरीज को बचाया नहीं जा सका।

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