पटना, (हि.स.)। बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता एवं पूर्व उप -मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इंटर के खराब रिजल्ट को लेकर शिक्षा सचिव जितेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव के तबादले के साथ इंटर बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर, आईएएस के तबादले की मांग भी की है।
उन्होंने मांग की कि सरकार सभी फेल छात्रों की स्क्रूटनी के बजाय उनकी उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कराए और प्रति विषय 120 रुपये निर्धारित शुल्क माफ करे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूरे फर्जीवाड़ा की जांच का आदेश देने और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की भी मांग की है।
मोदी ने गुरुवार को यहां इंटर रिजल्ट पर पूछा कि सरकार यह बताये कि बिहार के सबसे पिछड़ा जिला किशनगंज में इंटर आर्टस के 63.46 प्रतिशत तो बगल के अररिया के मात्र 24 फीसदी छात्र ही क्यों पास हुए? वैशाली के 88 फीसदी छात्र कैसे फेल हो गए?
अरवल, जहानाबाद, नवादा और रोहतास आदि जिलों में मात्र 14-15 प्रतिशत छात्र तो मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में भी मात्र 24 फीसदी छात्र ही क्यों पास हुए? फिजिक्स में जब 12 गलत सवालों के लिए बोर्ड ने 12 अंक देने का निर्णय लिया था तो फिर हजारों छात्रों को मात्र 03 अंक कैसे आए?
मोदी ने कहा कि इंटर के खराब रिजल्ट के लिए परीक्षा में कड़ाई की बात कह कर सरकार बिहार की मेधा का अपमान कर रही है। खराब रिजल्ट के कारण 8 लाख छात्रों के जीवन का एक साल जहां बर्बाद हुआ है, वहीं बिहार बोर्ड के छात्र इस साल न आईआईटी में जा सकेंगे और न ही टाॅपर खुशबू तक डीयू में नामांकन ले सकेंगी।
उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में दो तिहाई छात्र इसलिए फेल हो गए कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों से जांच कराई गई जिन्हें इंटर की पढ़ाई का अनुभव नहीं था।
ओएमआर शीट और कम्प्यूटराइज्ड प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी व बारकोड के दुरुपयोग की भी शिकायत है। उन्होंने कहा कि खराब परीक्षाफल के लिए शिक्षा सचिव जितेन्द्र श्रीवास्तव को दंडित कर तबादला किया गया तो परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर को क्यों छोड़ दिया गया? शिक्षा विभाग में कोई पूर्णकालिक प्रधान सचिव नहीं है। उन्होंने इस बात पर ऐतराज जताया कि एक ही व्यक्ति शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बड़े महकमा को देख रहा है।
समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर भी पटना के प्रमंडलीय आयुक्त और जेल आईजी का दायित्व संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्यों में 10वीं के रिजल्ट आ गए, मगर बिहार में अभी तक इसका कोई अता-पता नहीं है।