पटना, (हि.स.)| बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत कई सांसद और विधायकों पर सहकारी समिति से आवंटित आवासीय प्लॉटों का व्यावसायिक दोहन का आरोप लगाते हुए संवाददाताओं से कहा कि लालू यादव जब रेलमंत्री थे, तब से उनके प्लाट नंबर 208 पर गृह मंत्रालय के सशस्त्र सीमा बल (SSB) का जोनल पे एंड अकाउंट आफिस चल रहा है और तब से नियमों की धज्जियां उड़ा कर लालू प्रसाद लाखों रुपये कमा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चूंकि आवासीय प्लाॅट सरकारी जमीन पर है, इसलिए सहकारी समिति को भी एक से अधिक प्लाॅट किसी को आवंटित या हस्तांतरित करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति आवंटित प्लाॅट बेचना चाहता है, तो उसे अपना प्लाॅट नियमानुसार सहकारी समिति को सरेंडर करना होगा ताकि आवंटन की प्रतीक्षा करने वालों को इसका लाभ दिया जा सके।
सहकारी समिति के माध्यम से काले धन को सफेद करने का लालू यादव पर आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने कहा कि जब प्लॉटों के लिए 200 से ज्यादा विधायक प्रतीक्षा सूची में हैं, तब बादशाह आजाद ने समिति की मिलीभगत से लालू यादव के पास पहले से प्लॉट रहते हुए मात्र 37 हजार रुपये में अपने प्लॉट की लीज उनके नाम कैसे ट्रांसफर करा दिया?
उन्होंने कहा कि सहकारी समिति के अध्यक्ष पद का दुरुपयोग कर जयप्रकाश नारायण यादव और स्वर्गीय राधानंदन झा ने भी एक-एक अतिरिक्त प्लॉट अपने लिए आवंटित कराये थे । इस समिति के माध्यम से राजद और कांग्रेस के लोगों ने करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन का बंदरबांट किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से समिति को तत्काल भंग कर पूरे मामले की जांच कराने की मांग करते हुए सुशील मोदी ने सभी अवैध आवंटनों को तत्काल प्रभाव से सरकार से रद्द करने के साथ -साथ कहा कि जो लोग आवासीय प्लॉटों का दुरुपयोग कर अवैध कमायी कर रहे हैं, उनसे पैसे वसूलने की कार्रवाई भी होनी की जानी चाहिए।