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बिहार
'इंटर के रिजल्ट ने शिक्षा व्यवस्था की खोली पोल'
By Deshwani | Publish Date: 30/5/2017 6:48:09 PM
'इंटर के रिजल्ट ने शिक्षा व्यवस्था की खोली पोल'

 पटना,  (हि.स.)। बिहार विधान सभा की लोक लेखा समिति के सभापति एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा है कि बिहार इंटरमीडिएट के परीक्षा फल ने सूबे की चौपट शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि इंटर के सबसे खराब रिजल्ट पर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी का खुशी जाहिर करना बेहद शर्मनाक है।

यादव ने मंगलवार को यहां कहा कि इंटर के साइंस, आर्ट्स और कामर्स संकाय की परीक्षा में शामिल साढ़े बारह लाख छात्रों में से आठ लाख परीक्षार्थियों का फेल हो जाना यह बताने के लिये पर्याप्त है कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है।

साइंस में इंटर की परीक्षा पास करने के बाद भी उच्च तकनीकी शिक्षा यथा-मेडिकल और इंजीनियरिंग कामें प्रवेश का द्वार खुलता है लेकिन 6.46 लाख परीक्षार्थियों में से साढ़े चार लाख छात्र फेल कर गये। जो छात्र पास हुए हैं उनके प्राप्तांक इतने कम हैं कि शायद ही किसी तकनीकी संस्थान में उनका नामांकन हो सके।

यही हाल कला संकाय का रहा जहां 5.34 लाख छात्रों में से 3.30 लाख छात्र परीक्षा पास करने में विफल रहे। वहीं, जहां तक कामर्स की उपलब्धियों की बात है तो परीक्षार्थी ही मात्र 44 हजार थे इस परीक्षा में एपीयर हुए जिसमें 15 हजार फेल हो गए ।

यादव ने कहा कि जिस बिहार की मेधा की पूरी दुनिया में लोहा माना जाता था आज इंटर के रिजल्ट ने उसे धूलधूसरित कर दिया है। पिछले वर्ष घपला-घोटाले के बदनुमा दाग से शिक्षा व्यवस्था कलंकित हुई तो इस बार चौपट शिक्षा व्यवस्था से। पूरे देश में बिहार का रिजल्ट सबसे खराब रहा। दो तिहाई छात्रों का असफल होना सूबे की गिरते स्तर को बताता है।

उन्होंने कहा कि बिहार के बच्चों में मेधा की कमी नहीं है लेकिन सही मार्गदर्शन नहीं मिला। मिले भी कैसे जब राज्य में पूरी शिक्षा व्यवस्था ही चौपट हो। स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी है। प्रयोगशाला नाम की कोई चीज नहीं। आधारभूत संरचना का भी राज्य में घोर अभाव है। 

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