ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
बिहार
सुप्रीम कोर्ट से बिहार के शराब निर्माताओं को राहत, 31 जुलाई तक बढ़ी समयसीमा
By Deshwani | Publish Date: 29/5/2017 6:08:58 PM
सुप्रीम कोर्ट से बिहार के शराब निर्माताओं को राहत, 31 जुलाई तक बढ़ी समयसीमा

पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क


 बिहार की शराब निर्माता कंपनियों की गुहार पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बचे स्टॉक को निकालने की अवधि बढ़ा दी है। अब स्टॉक निकालने का समय 31 मई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया है। कंपनियों ने कहा था कि स्टॉक को निकालने के लिए हमें थोड़ा और वक्त चाहिए। 31 मई तक गोदाम से सारा स्टॉक नहीं निकाला जा सकता। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की। शराब कंपनियों की ओर ये कहा गया कि अभी भी करीब 200 करोड़ रुपये की शराब का स्टॉक बिहार के गोदामों में रखा हुआ है और अगर सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 29 मई को करेगा तो स्टॉक का निपटारा करने में दो दिन ही बचेंगे। ऐसे में राहत नहीं मिली तो दो दिनों में स्टॉक का निपटारा मुश्किल होगा।
गौरतलब है कि 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने शराब निर्माता कंपनियों को 31 मई तक बिहार से शराब का सारा स्टॉक निकालने का आदेश दिया था। शराब कंपनियों की ओर से कहा गया कि उनके गोदामों में शराब का स्टॉक पड़ा है। 
वहीं बिहार सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार ने 30 मार्च को ही प्रस्ताव पास किया है कि 30 अप्रैल तक कंपनियां गोदाम से शराब निकाल सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद कंपनियों को दो महीने का वक्त देते हुए कहा कि 31 मई तक गोदाम से स्टॉक निकाल लिया जाए।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की अवकाश कालीन पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल ने इस मामले का उल्लेख किया। इस पर कोर्ट ने इसे 29 मई को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। अमित सिब्बल ने कहा कि कंपनियों के लिये इतने कम समय में दो सौ करोड़ रुपये से अधिक के पुराने स्टाक का निस्तारण करना संभव नहीं है क्योंकि इसे नष्ट करने या इसके निर्यात के लिये एक निश्चित प्रक्रिया का पालन करना होगा।
बिहार सरकार ने राज्य में शराब के सेवन, भंडारण ओर बिक्री पर 30 मार्च को पूर्ण प्रतिबंध लगाते हुये एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें इन कंपनियों को अपना पुराना स्टाक दूसरे राज्यों को भेजने की अनुमति प्रदान की गयी थी। राज्य सरकार ने इन कंपनियों को आबकारी और गैर आबकारी जिन्सों को 30 अप्रैल तक निर्यात करने की अनुमति दी थी। इसके बाद ये कंपनियां ऐसा नहीं कर सकती थीं। हालांकि शीर्ष अदालत ने शराब निर्माताओं की याचिका पर यह अवधि 31 मई तक बढ़ा दी थी।

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS