पटना, (हि.स.)। बिहार में बाढ की स्थिति भयावह बनी हुई है। 18 जिले में 1.21 करोड की आबादी में अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 253 हो गयी है जबकि कई लापता हैं । बाढ़ प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ ,एसडीआरएफ की टीम और सेना की मदद से लोगों को निकालने का काम युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार बिहार की कुछ नदियों का जलस्तर में बढोतरी हुई, वहीं कुछ नदियों ने लोगों अपने जलस्तर से राहत दी है। आयोग के अनुसार रविवार को गंगा नदी,गंडक, कमला, कोसी और महानंदा नदियों में जलस्तर खतरे के निशान से नीचे रहा। वहीं बूढ़ी गंडक, पुनपुन,बागमती नदियों का जलस्तर विभिन्न जिलों में बढा रहा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों के कुल 58 लोगों को बचाया गया है। बिहार के बाढ प्रभावित जिलों में आर्मी कलम और एक अभियंता कार्य बल को बाढ के अतिप्रभावित जिलों कटिहार, अररिया, मधुबनी, सीतामढी, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में लगाया गया है।
बूढ़ी गंडक का पानी जहां मुजफ्फरपुर शहर के कुछ इलाकों में घुस गया है वहीं शहर की लाइफलाइन अखाड़ाघाट पुल पर बड़े वाहन का प्रवेश रोक दिया गया है। हायाघाट रेल पुल पर बागमती के पानी के दबाव कारण समस्तीपुर-दरभंगा रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है। गोपालगंज में तो स्थिति और बदरंग हो गयी है। बिगड़ते हालात को देखते हुए सेना ने कमान संभाल ली है।
मुशहरी के रजवाड़ा गांव के पास बूढ़ी गंडक का बांध शनिवार देर रात टूट गया और देखते ही देखते पूरा गेट और उस पर बना पुल भी बह गया और मुशहरी प्रखंड के आसपास के घर में पानी घुस गया। इससे रजवाड़ा गांव में अफरा-तफरी मच गयी।
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन के गुआबरी में तटबंध टूटने के बाद पानी सड़क को पार कर तेजी से बहने लगा। इसी दौरान सड़क पार कर रही एक महिला तेज बहाव में बह गई।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ प्रभावित इलाके सुगौली और उसके आसपास के इलाके पश्चिम चंपारण जिले के गौनाहा प्रखंड, चनपटिया नरकटियागंज अनुमंडल, पूर्णिया जिले के बायसी अनुमंडल, अररिया और किशनगंज के प्रभावित क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर के माध्यम से कुल 49 खेप में 19 हजार 583 पैकेट जिसमें 78 हजार 334 किलोग्राम सूखा राशन गिराया गया।
केन्द्रीय बाढ नियंत्रण कक्ष के अनुसार बूढी गंडक नदी में अप्रत्याशित जलश्राव आने के कारण रविवार को बूढी तटबंध का दायां तटबंध के 8.50 किलामीटर के पास बांध क्षतिग्रस्त हुआ है। वहीं एनडीआरएफ ,एसडीआरएफ की टीम सेना से साथ बाढ राहत कार्य कराकर सभी स्थलों के कट एंड को सुरक्षित और होल्ड करने की कार्रवाई जारी है। विभाग के अनुसार बिहार के शेष अन्य सभी बाढ सुरक्षात्मक तटबंध सुरक्षित हैं ।