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ई-वे बिल फॉर्म फिलअप प्रेक्टिस शुरू, आप भी भरें फॉर्म
By Deshwani | Publish Date: 16/1/2018 1:44:58 PM
ई-वे बिल फॉर्म फिलअप प्रेक्टिस शुरू, आप भी भरें फॉर्म

भोपाल (हि.स.)। प्रदेशभर में इलेक्ट्रॉनिक बिल यानी ई-वे बिल 1 फरवरी से अनिवार्य किया जा रहा है। लेकिन आपको बता दें कि इसकी फॉर्म डाउनलोडिंग प्रक्रिया तथा प्रेक्टिस आज यानी मंगलवार से शुरू हो गई है। हालांकि अब तक विभागीय अधिकारियों को ई-वे बिल को एक फरवरी से लागू करने संबंधी कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला है।
जीएसटी काउंसिल के निर्देश के बाद प्रदेशों में 16 जनवरी से वे ई-वे बिल का ट्रायल शुरू किया गया है। काउंसिल की ओर से एक फरवरी 2018 इस ई-वे बिल को लागू करने की तिथि निश्चित की गई है। काउंसलिंग के निर्देश के बाद से ही विभाग ने भी ई-वे बिल के लिए ऑनलाइन सिस्टम तैयार कर लिया है। विभाग का दावा है कि उसने ई-वे बिल के लिए सिस्टम पूरी तरह तैयार कर लिया है। यही नहीं विभाग की ओर से प्रदेश के कारोबारियों, कर सलाहकारों और ट्रांसपोर्टर्स को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। हालांकि कुछ जानकारों का कहना है कि 16 जनवरी से लागू ई-वे बिल ऐच्छिक होगा। लेकिन एक फरवरी से यह अनिवार्य हो जाएगा।
जानें क्या है ई-वे बिल और कैसे करता है काम
यदि कोई रजिस्टर्ड व्यापारी को 50 हजार से अधिक के माल का परिवहन कर रहा है, तो उसके लिए ई-वे बिल लगाना अनिवार्य होगा। वाहन के साथ इनवॉइस सहित ई-वे बिल भी भेजना होगा। काउंसिल के निर्देशानुसार यदि माल का परिवहन 10 किमी से ज्यादा दूरी पर किया जा रहा है, तो ई-वे बिल अनिवार्य है।
तो कदम कदम पर लगेगा टैक्स
मध्यप्रदेश के जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर नरेंद्र सिंह चौहान ने भोपाल में आयोजित की गई कार्यशाला में वकीलों और चार्टर्ड एकाउंटेंट के कई सवालों के जवाब दिए। उन्होंने बताया कि एक फरवरी से ई-वे बिल लागू किया जा रहा है। यदि पास की दुकान में भी कोई सामान भेजा गया, तो ई-वे बिल अनिवार्य होगा। इस दौरान डिप्टी कमिश्नर चौहान ने कहा कि ई-वे बिल सभी की सहूलियतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यदि रास्ते में सामान लेकर आ रही गाड़ी खराब हो जाए तो उसके लिए भी इसमें प्रावधान किया गया है।
ऐसा हुआ तो पूरे माल पर लगेगा ई-वे
यदि किसी वाहन में 51 हजार रुपए का माल भरा है तो पूरे माल का ई-वे बिल ट्रांसपोर्टर को जारी करना होगा। ज्ञात हो कि कोई भी रजिस्टर्ड व्यक्ति ई-वे बिल के बिना 50 हजार रुपए से अधिक का सामान कहीं सप्लाई नहीं कर सकेगा। जीएसटी के तहत किसी भी सामान के ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था को जीएसटी काउंसिल ने मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि राज्य के अंदर ही वस्तुओं को ट्रांसपोर्ट करने के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल बनेगा, जबकि एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने या मंगाने के लिए इंटर स्टेट ई-वे बिल बनेगा।
तो पूरे माल का लगेगा ई-वे बिल
डिप्टी कमिश्नर चौहान ने बताया कि यदि किसी वाहन में 51 हजार रुपए का माल रखा गया है, तो पूरे माल का ई-वे बिल ट्रांसपोर्टर को जारी करना होगा। ज्ञात हो कि कोई भी रजिस्टर्ड व्यक्ति ई-वे बिल के बिना 50 हजार रुपए से अधिक का सामान कहीं भी नहीं भेज सकेगा।
जानें ये भी
उल्लेखनीय है कि जीएसटी के तहत किसी भी सामान के ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था को लेकर जीएसटी काउंसिल ने मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि राज्य में अंदर ही वस्तुओं को ट्रांसपोर्ट करने के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल बनेगा, जबकि एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने या मंगवाने के लिए इंटर स्टेट ई-वे बिल बनेगा।

 

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