देहरादून, (हि.स.)। शहर के गांधी पार्क में आयोजित विजय दिवस कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री ने 'आप' प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया। इसके बाद 'आप' नेताओं ने मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी व विरोध-प्रदर्शन किया। शनिवार को 'आप' प्रतिनिधिमंडल शिक्षा का अधिकार(आरटीई) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था को अगले साल से समाप्त करने के विरोध में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को ज्ञाप सौंपने पहुंचा था। प्रतिनिधिमंडल का आरोप है कि सीएम ने मिलने मना कर दिया।
आम आदमी पार्टी देहरादून की जिलाध्यक्षा उमा सिसौदिया ने बताया कि पिछले चार दिनों से इस संबंध में वार्ता करने के लिए मुख्यमंत्री से समय लिए जाने का प्रयास किया जा रहा था लेकिन उनके ओएसडी द्वारा टालमटोल रवैया अपनाया जाता रहा। शनिवार सुबह लगभग दो घंटे सर्किट हाऊस में मुख्यमंत्री की प्रतीक्षा करने के व मुलाकात के आश्वासन के बाद भी 'आप' प्रतिनिधिमंडल को निराशा मिली। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने गांधी पार्क में सीएम से मुलाकत करने की कोशिश की लेकिन सीएम ने मना कर दिया।
उमा ने कहा कि प्रदेश की डबल इंजन की सरकार के मुखिया जनमुद्दों पर बात करने से बच रहे हैं और जनता के सवालों से अपना मुंह मोड़ रहे हैं। प्रदेश की जनता इसका जवाब चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एक बयान में कहा था कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित रखने की व्यवस्था अगले साल से खत्म की जा सकती है। सरकार इस योजना का आर्थिक बोझ आगे उठाने की इच्छुक नहीं है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से स्पष्ट है कि भाजपा कि त्रिवेन्द्र सरकार पूरी तरह से जन विरोधी व गरीब विरोधी सरकार है।
प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्षा उमा सिसौदिया, महानगर अध्यक्ष विशाल चौधरी, अशोक सेमवाल, विनोद बजाज, नवीन पिरशाली, सरिता गिरी, विजय तोमर, विनय राणा, विपिन खन्ना, मयंक नैथानी, शैलेश तिवारी, सागर रावल, विपुल पांचाल, कमल राणा, धीरेन्द्र कुमार उपस्थित रहे।