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अपराध रोकने के लिए योगी कैबिनेट ने यूपीकोका को दी मंजूरी
By Deshwani | Publish Date: 13/12/2017 4:44:11 PM
अपराध रोकने के लिए योगी कैबिनेट ने यूपीकोका को दी मंजूरी

लखनऊ, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संगठित अपराधों पर लगाम लगाने के लिए महाराष्ट्र के मकोका कानून की तर्ज पर यूपीकोका लागू करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने भी बुधवार को अपनी मंजूरी दे दी। सरकार अब इसे विधानसभा में पेश करेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित किया गया। कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश को गुंडा, माफिया, अशांति फैलाने वालों, अवैध खनन करने वालों तथा अवैध रूप से वनों की कटाई करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और संगठित अपराधियों की गतिविधियों पर नियंत्रण हेतु ‘उ0प्र0 संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक-2017’ (यूपीकोका) को मंजूरी दी। उन्होंने बताया कि सरकार यह विधेयक विधान मण्डल के आगामी सत्र में प्रस्तुत कर उसे पारित करायेगी। 
मंत्री ने बताया कि इससे प्रदेश में अपराधों में काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों में इस तरह के कानूनों का परीक्षण करने के बाद यूपीकोका विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी गई है। प्रदेश स्तर पर प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में संगठित अपराध नियंत्रण प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। जिलों में यह जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित किया जाएगा। इसके अलावा एक अपीलीय प्राधिकरण भी गठित होगा जिसका अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश को बनाया जाएगा। 
दरअसल यूपीकोका महाराष्ट्र के मकोका की तर्ज पर बना है। महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 1999 में महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) बनाया था। इसका मुख्य मकसद संगठित और अंडरवर्ल्ड क्राइम को खत्म करना था। वर्ष 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू किया था। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने काफी अध्ययन के बाद इसीके तर्ज पर यूपीकोका बनाया है। 
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
-योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश सचिवालय में बायोमीट्रिक उपस्थिति को मंजूरी दी। अब सचिवालय के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बायोमेट्रिक प्रणाली से अपनी उपस्थिति दर्ज करानी पड़ेगी। 
- उप्र राजस्व संहिता 2006 में संशोधन। इस संशोधन से अब 15 प्रतिशत पैसा सीधे तहसील में जायेगा, बाकी जिलाधिकारी के पास जाएगा। अभी तक जिलाधिकारी के माध्यम से एसडीएम के पास पैसा आता था। 
- वक्फ सम्पत्तियों के विवादों के निस्तारण हेतु वक्फ न्यायाधिकरण का गठन। 
- चीनी मिलों के गन्ना क्रय कर में दो रुपये प्रति कुंटल दी जा रही छूट को बढ़ाया गया
- वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना। प्रदेश के सभी राजस्व गांवों में यह यूनिट बनेगी।
- प्रबंध तंत्र से संचालित जूनियर हाई स्कूलों में वेतन भुगतान के अधिनियम में संशोधन।
- किंग जार्ज मेडिकल यूनीवर्सिटी (केजीएमयू ) में आॅर्गन ट्रांसप्लान्ट 
यूनिट की स्थापना में उच्च विशिष्टियों के उपयोग को मंजूरी। 
-उप्र सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति-2017 का अनुमोदन। 
-उप्र इलेक्ट्राॅनिक्स मैन्युफैक्चरिंग नीति-2017 का अनुमोदन।
-उच्च न्यायालय इलाहाबाद के लिए न्याय ग्र्राम टाउनशिप के निर्माण का निर्णय।
-उप्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2017 के प्रख्यापन का निर्णय।
- कैबिनेट ने अनुपूरक बजट के प्रस्ताव को भी अपनी मंजूरी दी। उप्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरु हो रहा है। योगी सरकार इस सत्र में अनुपूरक बजट पेश करेगी।
 
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