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ट्रेन से कटकर छह जंगली हाथियों की मौत
By Deshwani | Publish Date: 10/12/2017 1:49:18 PM
ट्रेन से कटकर छह जंगली हाथियों की मौत

शोणितपुर, (हि.स.)। मध्य असम के शोणितपुर जिले में शनिवार देर रात को ट्रेन की चपेट में आकर छह जंगली हाथियों की मौत हे गई। वन विभाग के अनुसार शोणितपुर जिले के बालीपाड़ा के बामगांव में गुवाहाटी-नाहरलगुन के बीच चलने वाली दोनी पोलो एक्सप्रेस की चपेट में आने से मध्य रात्रि को छह जंगली हाथियों की कटकर मौत हो गई। इस घटना से इलाके में भारी रोष व्याप्त है। इस घटना के चलते इस रूट पर लगभग चार घंटे तक ट्रेनों की आवाजाही बाधित रही। सुबह 6.30 बजे फिर से ट्रेनों का परिचालन आरंभ हुआ। वन विभाग के अनुसार जंगली हाथियों का एक झुंड तड़के भोजन की तलाश में बामगांव में पहुंचा था। हाथियों का झुंड रेलवे लाइन को पार करने की कोशिश कर रहा था। इसी बीच वहां से तेज रफ्तार ट्रेन गुजरी, जिसकी चपेट में आने से हाथियों की दर्दनाक तरीके से कटकर मौत हो गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे वन विभाग के आलाधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया।


घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर भारी संख्या में स्थानीय लोग एकत्र होकर रेल विभाग के साथ ही वन विभाग के कामकाज को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों ने वन विभाग के कामकाज में भी बाधा देने की कोशिश की। वन विभाग इलाके से मृत हाथियों के शव को हटाने के लिए जेसीबी का इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। पुलिस के आलाधिकारियों के पहुंचने के बाद काफी समझाने और सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिए जाने के बाद ही वन विभाग को आगे की कार्रवाई करने की स्थानीय लोगों ने इजाजत दी।


उल्लेखनीय है कि जंगलों में अवैध अतिक्रमण और अवैध बस्तियां बस जाने के चलते जंगली हाथियों का झुंड अक्सर फसल पक जाने पर उसे खाने के लिए रिहायशी इलाकों में घुसपैठ करते रहते हैं। इसके चलते जान जाने के साथ ही ग्रामीणों की धन-संपत्ति का नुकसान होता है। जबकि कई बार जंगली हाथियों की भी मौत हो जाती है। इस हादसे में पांच व्यस्क हाथी और एक गर्भवती हाथी जिसके पेट में पूर्ण विकसित बच्चे की मौत हो गई।
ज्ञात हो कि इससे पहले भी असम के विभिन्न जगहों में खाद्य की तलाश में जंगल से निकलकर रिहायशी इलाके में आए लगभग 12 से अधिक जंगली हाथियों की मौत पिछले एक महीने के अंदर हो चुकी है।


एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2006 से 2016 के बीच लगभग 225 जंगली हाथियों के मारे जाने का आंकड़ा मिला है। हालांकि इस आंकड़े की पुष्टि वन विभाग ने नहीं की है।


इस घटना के बाद रविवार की सुबह बामगांव और आसपास के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए वन मंत्री प्रमीला रानी के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। साथ ही वन विभाग के कार्य में लोगों ने बाधा दिया। इस घटना को लेकर इलाके में भारी शोक व्याप्त है।

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