ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राज्य
असफलता से घबराएं नहीं छात्र, सतत प्रयास कर हासिल करें लक्ष्य : मुख्यमंत्री
By Deshwani | Publish Date: 10/12/2017 1:42:53 PM
असफलता से घबराएं नहीं छात्र, सतत प्रयास कर हासिल करें लक्ष्य : मुख्यमंत्री

गोरखपुर, (हि.स.)। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसे आयोजनों से प्रतिभाएं निखरकर सामने आतीं हैं। लगातार मेहनत और सतत प्रयास व्यक्ति को मंजिल तक पहुंचती है। इसलिए छात्रों को भी अपनी असफलता से घबराना नहीं है, सतत प्रयास और लगातार महान लक्ष्य तक ले जाएगी।


रविवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सदस्यों व छात्रों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आयोजन में शिरकत करने वाले छात्रों का व्यक्तित्व और कृतित्व उभर कर सामने आएगा। अगर संकल्प है तो लक्ष्य भी जरूर प्राप्त होगा।


उन्होंने छात्रों की ओर इशारा करते हुए कहा कि विफलताओं से घबराना और छोटी सी सफलता पर अहंकार करना खतरनाक है। इसलिए सबको अहंकार और घमंड से बचना है। सबके साथ समन्वय स्थापित कर आगे बढ़ना है। इतना ही नहीं, साधन के अभाव के बीच दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ सभी छात्र अपनी प्रतिभा अनुसार देश की सेवा में योगदान देने का संकल्प लें।


उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता का संघर्ष करने वाले ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के इस संघर्ष और त्याग को जाया नहीं जाने देना है। शिक्षा, स्वास्थ और सेवा के बीच यह काम जारी रहना चाहिए। प्रदेश की शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन जरूरी है। इसमें भी योगदान होना चाहिए। भारतीय संस्कृति, आदर्शो एवं मूल्यों के लिए दी जाने वाली शिक्षा ही सच्ची शिक्षा है।


उन्होंने कहा कि मानव ईश्वर की सबसे बेहतर कृति है। बच्चों को उचित मंच मिले, इसके लिए भी शिक्षकों को आगे आना होगा। हमें ऐसे नागरिक तैयार करना है जो देश के चतुर्दिक विकास के सपनों को साकार करने में सक्षम हो। असफल छात्र भी ऐसा करने को अब लक्ष्य हासिल करने को सच्चे मन से जुट जाएं। लक्ष्य पाने को साधना और संकल्पित बनें। अगले वर्ष तक सफलता कदमों में होगी।

 

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS