दमोह, (हि.स.)। वीरांगना झलकारी बाई की 187वीं जयंती पर आप सभी का वंदन अभिनंदन है। उत्तर प्रदेश में उनकी प्रतिमा आगरा में स्थापित की गई है, प्रदेश के भोपाल में वीरांगना झलकारी बाई की मूर्ति का अनावरण राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा गुरू तेगबहादुर काम्पलेक्स में अभी हाल ही में किया गया है। यह बातें प्रदेश के वित्त, वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत कुमार मलैया ने अखिल भारतीय कोरी समाज संगठन द्वारा बुधवार शाम को आयोजित वीरांगना झलकारी बाई की जयंती कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर सांसद प्रहलाद पटैल, भाजपा जिलाध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव, लघु वनोपज संघ अध्यक्ष महेश कोरी, नगर पालिका अध्यक्ष मालती असाटी, डॉ. केदारनाथ शर्मा, रमन खत्री, राघवेन्द्र सिंह, रूपेश सेन, जनपद सदस्य लता राजेश कोरी, संतोष रोहित, बीडी बावरा मंचासीन थे।
वित्तमंत्री मलैया ने कहा किवीरांगना झलकारी बाई हू-ब-हू लक्ष्मीबाई की शक्ल में थी। इतिहास में कई लोगों को उतना स्थान नहीं मिल पाता है जितना मिलना चाहिये, वैसा ही वीरांगना झलकारी बाई के साथ हुआ। वीरांगना की मूर्ति बेटियों को आगे बढऩे की के लिये उत्साह, उर्जा और प्रेरणा देती है। 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर बेटे-बेटियों पढ़ाई में आगे बढऩे के लिये सरकार मदद कर रही है, उनकी फीस सरकार भरेगी, आप सभी अपने-अपने बेटे बेटियों को पढ़ायें। समाज के भवन हेतु जमीन बतायें, हम भवन बनवा देंगे।
सांसद प्रहलाद पटैल ने कहा कि मैं अपनी तरफ से कोरी समाज को बधाई देना चाहता हूं आप सब ने इतना अच्छा कार्यक्रम किया। अपने पूर्वजों के गरिमाशाली परम्परा के अनुसार आगे आने वाले समय में यह कार्य अपने बच्चों को मार्गदर्शन देगा। मैंने झलकारी बाई की प्रतिमा देखी है, जो इतिहासवाद को बड़ी गरिमा के साथ आगे बढ़ाने के लिये किसी भी कीमत पर अगर झलकारी बाई को जीवित करना है तो हमें अपने आप को दाव पर लगाना पड़ेगा। झलकारी ने स्वतंत्रता संग्राम में मोर्चा सम्हाला और उसी का परिणाम हैं कि लक्ष्मीबाई दूसरी ओर से निकल सकीं। उन्होंने वीर सपूतों और वीरांगनाओं के बारे में बड़े विस्तार से अपनी बात रखी।