देवालयों में मिष्ठान से सजा अन्नकूट श्रृंगार, अन्नपूर्णा और बाबा दरबार में उमड़ी भीड़
वाराणसी, (हि.स.)। दीपावली पर्व के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुक्रवार को धर्म नगरी वाराणसी में मंदिरों में अन्नकूट श्रृंगार किया गया।
इस क्रम में श्री काशी विश्वनाथ दरबार परिसर मां अन्नपूर्णेश्वरी के दरबार में ज्योति पर्व के दूसरे दिन परम्परानुसार मां के स्वर्ण प्रतिमा का अद्भुत श्रृंगार और 51 कुन्तल मिष्ठान्न से सजा अन्नकूट श्रृंगार देख हजारों श्रद्धालु भावविभोर हो गये।आखिरी दिन भोर से लेकर देर शाम तक मां का आर्शिवाद खजाना पाने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इसी के साथ आधी रात में मां के स्वर्ण प्रतिमा का कपाट भी एक साल के लिए बन्द हो जायेगा।
इसके पूर्व अन्नकूट पूजा के लिए महन्त रामेश्वर पुरी की देखरेख में मंदिर में छप्पन प्रकार के 51 कुन्तल मिठाई और पकवान से अन्नकूट की आकर्षक झांकी सजायी गयी। दूसरे दिन ही बाबा दरबार में भी शुद्ध देशी घी से बने लड्डुओं से शिवालय बनाया गया। फिर विधि विधान से पूजन अर्चन के बाद मंदिर का पट आमजन के लिए खोल दिया गया। मंदिर खुलते ही अन्नकूट की झांकी को देखने के लिए बाबा दरबार समेत अन्य मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। दोनों हाथों से खजाना लुटाती श्री समृद्धि का वर्ष पर्यन्त का वरदान देती मां का नयनाभिराम झांकी देख और खजाना पाकर भक्त निहाल हो गये।
इस मौके पर उप महंत शंकरपुरी, न्यासी के जनार्दन शर्मा, आचार्य राम नारायण द्विवेदी आदि मौजूद थे। इसके अलावा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में अविमुक्तेश्वर महादेव, माता पार्वती, दण्डपाणि, बैकुण्ठ महादेव, मां अन्नपूर्णा, सत्यनारायण-महालक्ष्मी, तारकेश्वर मंदिर, रानी भवानी व माता अहिल्याबाई के विग्रह के सामने भी अन्नकूट की झांकी सजी।
इस क्रम में अक्षयवट हनुमान, शनिदेव व ढुंढी राज तथा कालरात्रि देवी, साक्षी विनायक मंदिर में भी अन्नकूट श्रृंगार देख श्रद्धालु निहाल हो गये। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यपालक समिति के सदस्य ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी ने बताया कि दीपावली के दूसरे दिन यानि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर आयोजन मथुरा व वृंदावन सहित सभी जगहों पर अन्नकूट व गोवर्धन पूजन मनाया जाता है।