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बस कंडक्टरों की कमी से रोडवेज को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान
By Deshwani | Publish Date: 21/8/2017 3:31:38 PM
बस कंडक्टरों की कमी से रोडवेज को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान

लखनऊ, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) के लखनऊ परिक्षेत्र में करीब 180 बस कंडक्टरों की कमी है जिससे लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। कंडक्टरों की कमी से आए दिन बसें रद्द हो रही हैं जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है।
रोडवेज के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में लखनऊ क्षेत्र में चारबाग, कैसरबाग, रायबरेली, बाराबंकी, उपनगरीय, हैदरगढ़ व अवध बस डिपो मिलाकर 2380 कंडक्टरों की जरूरत पर 22 सौ कंडक्टर है। इनमें से सौ से ज्यादा कंडक्टर रोजाना किन्हीं न किन्हीं वजहों से छुट्टी पर रहते है। यही वजह है कि बस कंडक्टर के आभाव में बसें रद्द करना पड़ रहा है। 
उन्होंने बताया कि संविदा कंडक्टर के 33 खाली पदों को भरने के लिए निगम मुख्यालय ने मंजूरी दी थी । इन पदों पर ऑनलाइन आवेदन करने की तारीख तय की गई थी। अंतिम तारीख खत्म होने पर सात हजार आवेदन प्राप्त हुए। मैरिट की आधार पर रिजल्ट की घोषणा करने के पहले ही भर्ती पर रोक लगा दी गई। लिहाजा 33 बस कंडक्टर की भर्ती की उम्मीद भी धूमिल हो गई।
अधिकारी ने बताया कि कंडक्टरों की कमी से रोडवेज की 200 बसें विभिन्न डिपो में खड़ी रहती है जिससे लाखों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं आए दिन बसें रद्द होने से यात्री भी परेशान हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि दर्जनों पत्र परिवहन निगम मुख्यालय भेजकर कंडक्टरों की मांग की गई है। बावजूद आज तक बस कंडक्टरों की कमी को दूर नहीं किया जा सका। 
गौरतलब है कि लखनऊ क्षेत्र में 1100 बसों का बेड़ा है, इनमें से रोजाना दो सौ बसें विभिन्न डिपो में खड़ी रहती हैं। यात्री तय समय सारणी से बस के इंतजार में रहते है। इसके बावजूद जो बसें हर एक घंटे पर यात्रियों को मिलती थी वही बसें अब दो घंटे के अंतराल पर मिल रही हैं। जिन मार्गों पर रोजाना दस बसों का संचालन होता था, उन मार्गों पर अब रोजाना दो चार बस सेवाएं रद्द रहती है। इसका खामियाजा यात्री भुगत रहे हैं। 
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