काठमांडू, (हि.स.)। नेपाल में संसदीय और प्रांतीय परिषदों के चुनावों के काफी परिणाम आ गए हैं। अब तक मिले नतीजों से करीब-करीब साफ हो गया है कि यहां वामपंथी गठबंधन सरकार बनाने के जादुई आंकड़ा के नजदीक पहुंच गया है।
चुनाव आयोग की ओर से 146 संसदीय सीटों के जारी परिणामों में सीपीएन-यूएमएल को 74 सीटों पर जीत मिली है, जबकि इसके गठबंधन सहयोगी सीपीएन माओवादी-सेंटर को 31 सीटें मिली हैं। इस चुनाव में नेपाली कांग्रेस (नेकां) की कमर टूट गई है। उसे अभी तक सिर्फ 19 सीटें ही मिली हैं। इनके अलावा एफएसएफ को 11 और आरजेपी को 8 सीटों पर सफलता मिली है। पांच सीटें अन्य दलों को भी मिली हैं जिनमें निर्दलीय भी शामिल हैं।
275 सदस्यीय संसद में वामपंथी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना के मद्देनजर के.पी. शर्मा ओली को प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है। ओली ने झापा-5 क्षेत्र से रिकार्ड जीत जीत हासिल की है। उन्होंने नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार खगेंद्र अधिकारी को 28 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया है।
नेपाल में पूर्व माओवादी विद्रोहियों और उदारवादी कम्युनिस्टों के इस गठबंधन को संसदीय चुनाव में अब तक 105 सीटों पर जीत मिली है, जिससे देश में राजनीतिक स्थिरता आने की उम्मीद जगी है। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाली सीपीएन-माओवादी ने प्रांतीय और संसदीय चुनावों के लिए गठबंधन किया था।
नेपाल में संसदीय और प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव के लिए दो चरणों में 26 नवंबर और सात दिसंबर को मतदान हुए थे। पहले चरण में 32 जिलों में चुनाव हुए थे, जिसमें से ज्यादातर पवर्तयीय इलाके शामिल थे। पहले चरण में 65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. दूसरे चरण में 67 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।